ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा #चाय_नहीं_न्याय_चाहिए, PM मोदी के अर्थ ज्ञान पर लोग पूछ रहे हैं सवाल
प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के शासन में अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है, बेरोजगारी की दर उच्च है। ऐसे में लोग उनके चाय वाले जुमले की निंदा करते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं...
जनज्वार। ट्विटर पर रविवार से ही चाय नहीं न्याय चाहिए हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के जरिए लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक ज्ञान पर सवाल उठा रहे हैं और कृषि, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी सहित देश के दूसरे ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछ रहे हैं।
इसके साथ ही लोग मोदीमस्टरिजाइन हैशटैग का उपयोग कर विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफा मांग रहे हैं। लोग बेरोजगारी की उच्च दर, किसानों के संकट, जीडीपी के सबसे निचले स्तर पर चले जाने, डूबती अर्थव्यवस्था, अतिवाद के बढने, चीन के अतिक्रमण, सीमा पर पड़ोसियों के साथ बढते तनाव, निजीकरण पर सवाल पूछ रहे हैं।
जेएनयू लवर्स नाम के एक ट्विटर हैंडल पर इन चीजों से जुड़े सवाल पूछने के साथ लिखा गया घाव नहीं मरहम चाहिए।
लोग इस हैशटैग पर ट्वीट करने में प्रधानमंत्री मोदी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कामकाज की तुलना करने के लिए कई मिम व कार्टून का भी प्रयोग कर रहे हैं।
अभिषेक सिंह नामक एक ट्विटर एकाउंट से लिखा गया हमें न्याय चाहिए। इसके साथ ही एक तसवीर लगायी गई जिसमें लिखा है बेरोजगारों की खान मेरा भारत महान।
सुजीत गायकवाड़ नामक एक ट्विटर यूजर ने प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्य में अंतर दिखाने वाला एक मिम शेयर किया।
रोनी मंडल नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा : नरेंद्र दामोदर दास मोदी! आपने पहलेही महारे देश की जीडीपी को ऐतिहासिक गिरावट का उपहार दिया। हम आपके फर्जी वादे, आपके जुमले, आपके पुराने समय की कहानियां नहीं चाहते हैं। हम पीड़ितों के लिए न्याय चाहते हैं और पीड़ित हैं।
नितिन करण नामक एक ट्विटर यूजर ने लिखा उन्हें अर्थव्यवस्था का कोई ज्ञान नहीं है, लेकिन वे पीएम हैं।
एस राजेशखर नामक ट्विटर यूजर ने लिखा: बीएसएनएल नष्ट कर दिया गया, जियो को प्रमोट किया गया, बैंकों को नष्ट किया गया गया, पेटीएम को प्रमोट किया गया, हिंदुस्तान एरोनाटिक लिमिटेड को नष्ट किया गया, अनिल अंबानी को प्रमोट किया गया, किसानों को नष्ट किया जा रहा है और अंबानी अडानी को प्रमोट किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्र पद पूरी से अयोग्य व्यक्ति हैं।
सिद्धार्थ त्रिपाठी नामक यूजर ने चाय नहीं न्याय चाहिए हैशटैग का प्रयोग करते हुए लिखा कि जनता ऐसा नेता चाहती है तो उनकी सहायता करे न कि उन्हें डिक्टेट करे।
पार्थ चक्रवर्ती नामक यूजर ने लिखा, जीडीपी माइनस 23.9 प्रतिशत तक गिर गया और यह सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. बेरोजगारी पांच दशक में सबसे अधिक है। मध्य वर्ग उच्च महंगाई से परेशान है।