पुलिस की मौजूदगी में डासना मंदिर में दो साधुओं पर धारदार हथियार से हमला, नरसिम्हानंद बोला- मुझे मारने आये थे हमलावर

दिल्ली के जंतर-मंतर पर 8 अगस्त को हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई साधु संत आए थे। कार्यक्रम में भाग लेकर इनमें से कुछ डासना के देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आ गए। जहां उन्होंने विश्राम कर आगे जाना तय किया। यह साधु संत मंदिर परिसर में ठहरे हुए थे...

Update: 2021-08-11 10:54 GMT

 (नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हमलावर मुझ पर हमला करने आए थे साधु का वेश मेरे जैसा ही है।) 

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के डासना का देवी मंदिर एक बार फिर चर्चाओं में आया है जहां पुलिस और पीएसी की मौजूदगी में रात साढ़े तीन बजे अज्ञात हमलावरों ने दो साधुओं पर कथित तौर पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया। इस घटना में एक साधु गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। घायल साधु ने हमलावरों को पकड़ने का प्रयास भी किया लेकिन वे फरार हो गए।

इस घटना के दौरान शोर-शराबा होने के बाद भी पुलिस व पीएसी के कोई जवान आगे नहीं आए तब घायल साधु ने पुलिसकर्मियों को जगाया। फिर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद से डासना इलाके में लोग दहशत में हैं। वहीं मंदिर के महंत यति नरसिम्हानंद सरस्वती ने कहा है कि पुलिस-प्रशासन की लापरवाही के कारम मंदिर परिसर में इस तरह का हमला हुआ है।

महंत ने यह भी दावा किया कि हमलावर उन्हें जान से मारने आए थे। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।  बता दें कि डासना स्थित देवी मंदिर हमेशा सुर्खियों में रहता है। मंदिर के गेट पर 'यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है' का बोर्ड टंगने से पिछले दिनों यह मंदिर चर्चाओं में आया था। इससे पहले एक मुस्लिम समुदाय के बच्चे के द्वारा मंदिर के भीतर पानी पीने पर उसकी पिटाई की गई थी। यह मंदिर मसूरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसलिए पुलिस और पीएस के जवान यहां सुरक्षा के लिए हर समय मौजूद रहते हैं।

खबरों के मुताबिक दिल्ली के जंतर-मंतर पर 8 अगस्त को हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई साधु संत आए थे। कार्यक्रम में भाग लेकर इनमें से कुछ डासना के देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आ गए। जहां उन्होंने विश्राम कर आगे जाना तय किया। यह साधु संत मंदिर परिसर में ठहरे हुए थे।

सोमवार रात इनमें से दो साधु कमरे के बाहर तख्त पर सो गए। मंगलवार की सुबह साढ़े तीन बजे हमलावरों ने इन साधुओं पर कथित तौर पर धारदार हथियार से हमला किया। जिन साधुओं पर यह हमला हुआ है उनमें एक प्रयागराजके कौशांबी के मनोज ने बताया कि वह स्वामी नरेशानंद के बगल में चादर ओढ़कर सो रहे थे। अचानकसे उनपर किसी ने हमला किया लेकिन हमलावर का हथियार टूट गया और वह चिल्लाने लगे। इसके बाद खून से लथपत स्वामी नरेशानंद हमलावरों के पीछे भागे लेकिन हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए।

करीब पचास कदम की दूरी पर पुलिसकर्मी मौजूद थे लेकिन उनकी नींद नहीं खुली। फिर घायल स्वामी नरेशानंद ने पुलिसकर्मियों को जगाया और हमले की सूचना दी। इसके तुरंत बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

एसपी देहात ईराज राजा ने कहा कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। मंदिर से सीसीटीवी की डीवीआर जब्तकी है लेकिन वह खराब है। आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी देखे जा रहे हैं। लापरवाही पाए जाने पर पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हमलावर मुझ पर हमला करने आए थे साधु का वेश मेरे जैसा ही है। ऐसे में धोखे में हमलावरों ने साधु पर हमला कर दिया। हमने मामले में तहरीरदी दे दी है। बता दें कि यति नरसिंहानंद एक समुदाय के खिलाफ अपने भड़काऊ बयानों से अकसर विवादों में रहते हैं। सोशल मीडिया पर उनके भड़काऊ बयानों के वीडियो खूब वायरल होते हैं। हाल ही में उन्होंने हिंदू और मुस्लिम महिलाओं के लिए आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की गई थी। वहीं नरसिंहानंद कई बार खुद की जान को खतरा होने की चेतावनी देते रहे हैं।

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