UAE News : यूएई में अविवाहित लड़कियां बड़ी संख्या बन रहीं मां, पिछले ही वर्ष विवाह पूर्व यौन संबंध हुआ था वैध

UAE News : एक नए कानून में अविवाहित महिलाओं के बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में कोई उपाय नहीं किया गया है। जबकि बिना प्रमाण पत्र के कानून बच्चे रखने पर महिलाओं को अपराधी मानता है।

Update: 2021-12-14 06:55 GMT

(यूएई का झंडा, प्रतीकात्मक तस्वीर)

UAE News : संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने बीते साल नवंबर में शादी से पहले शारीरिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था। जबकि इस फैसले के एक वर्ष बाद भी बहुत सी बिन ब्याही माएं बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए भटक रही हैं। बताया गया कि दो सप्ताह में लागू होने वाले एक नए कानून में अविवाहित महिलाओं के बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में कोई उपाय नहीं किया गया है। जबकि बिना प्रमाण पत्र के कानून बच्चे रखने पर महिलाओं को अपराधी मानता है।

अविवाहित महिलाएं जेल में बंद

मिली जानकारी के अनुसार बच्चों के लिए जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करना एक महंगी प्रक्रिया है। गरीब लोग खासतौर पर विदेशी घरों या दफ्तारों में मामूली वेतन पर काम करते हैं। वे इस खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं। दिसंबर 2020 में शारजाह सेंट्रल जेल से तीन महीने की बेटी के साथ एक स्टार रिहा हुई थी। जेल से रिहा हुई स्टार ने बताया कि वह और छह अन्य अविवाहित महिलाएं जेल में बंद थीं। जिनमें से ज्यादातर फिलिपींस की थीं। साथ ही स्टार ने बताया कि कैद के दौरान उनसे बेटी को छीन लिया गया था। 15 महिलाओं को एक बाथरूम साझा करना होता था। खाने में केवल चावल और रोटी मिलती थीं। स्टार का कहना है कि महज 30 मिनट कोठरी से बाहर निकलने दिया जाता था। पुलिस अपमानजनक तरीके से बच्चे के जन्म व शारीरिक संबंधों की पूछताछ करती थी।

अस्पताल में विवाहित माता-पिता को जन्म प्रमाणपत्र जारी

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यूएई में अस्पताल विवाहित माता-पिता को जन्म प्रमाणपत्र जारी करते हैं। प्रमाण पत्र के बिना बच्चों के लिए चिकित्सा व शिक्षा जैसी सुविधाएं हासिल करने में बहुत सी दिक्कतें होती हैं। इस मामले में 25 वर्षीय मां सिते हनी का कहना है कि कानून बदलने के बाद मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे आपको जेल नहीं ले जाएंगे और चाहते हैं कि आप जन्म भी न दें। साथ ही गर्भपात के बारे में सोच भी नहीं सकते क्योंकि यह एक अपराध है। वे चाहती है कि सरकार को इतना कर देना चाहिए कि पासपोर्ट बनवाकर घर भिजवा दिया जाए।

पंजीकरण नहीं करवाया तो होगी जेल

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यूएई की एडवाइजरी फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य दीरार बेलहौल अल फलासी कहते हैं कि अब एक कानून है। जिससे उनकी मदद की जा सकती है। दो जनवरी को लागू होने वाले नए कानून के तहत जो माता-पिता बच्चों का पंजीकरण कराने में नाकाम रहते हैं। उन्हें कम से कम दो साल की जेल का सामना करना पड़ेगा।

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