Uddhav Thackeray Resignation: उद्धव ठाकरे ने छोड़ा CM आवास, जल्द होगा इस्तीफा?

Uddhav Thackeray Resignation: महाराष्ट्र में आए सियासी तूफान के बाद बुधवार रात हलचल बढ़ गई। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे सीएम आवास से निकलकर अपने परिवार के घर 'मातोश्री' पहुंच गए हैं। जैसे ही सीएम मातोश्री पहुंचे, सैंकड़ों शिवसेना कार्यकर्ताओं ने यहां जुटकर नारे लगाना शुरू कर दिया।

Update: 2022-06-23 02:08 GMT

Uddhav Thackeray Resignation: उद्धव ठाकरे ने छोड़ा CM आवास, जल्द होगा इस्तीफा?

Uddhav Thackeray Resignation: महाराष्ट्र में आए सियासी तूफान के बाद बुधवार रात हलचल बढ़ गई। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे सीएम आवास से निकलकर अपने परिवार के घर 'मातोश्री' पहुंच गए हैं। जैसे ही सीएम मातोश्री पहुंचे, सैंकड़ों शिवसेना कार्यकर्ताओं ने यहां जुटकर नारे लगाना शुरू कर दिया।

शाम से ही हलचल तेज हो गई थी। सीएम उद्धव के साथ उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे, पत्नी रश्मि ठाकरे और बेटे तेजस ठाकरे भी रवाना हो गए। उन्होंने शाम को ही सीएम आवास खाली कर दिया था। एकनाथ शिंदे खेमे का दावा है कि उनकी साथ जो लोग हैं, वही असली शिवसेना है। एकनाथ शिंदे ही पार्टी के विधायक दल के नेता हैं, ऐसे में कल कुछ और विधायक जुड़ने के बाद एकनाथ शिंदे राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिख सकते हैं।

उसमें ये कहा जाएगा कि एकनाथ शिंदे पार्टी के ग्रुप लीडर हैं और हमने जो सरकार को समर्थन दिया है वो अब वापस ले रहे हैं। उसके बाद उद्धव ठाकरे अगर इस्तीफा नहीं देते हैं तो फिर उन्हें फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया जा सकता है।

उद्धव ठाकरे ने बुधवार शाम फेसबुक लाइव कर कहा, शिवसेना हिंदुत्व से अलग नहीं है। 2014 का चुनाव हमने अपने दम पर और हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा था। हमने उस वक्त भी कठिन परिस्थियों में चुनाव लड़ा था। इस बात का ध्यान रहे कि 2014 के बाद जो लोग बोल रहे हैं कि शिवसेना बाला साहेब ठाकरे वाली नहीं रही, वे लोग ध्यान रखें कि नई शिवसेना से ही हमें मंत्री पद मिले।

इधर शिवसेना से बागी हुए मंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा दावा किया है। शिंदे कहा कि उनके पास कुल 46 विधायकों का समर्थन है। उनका यह दावा यदि सही है तो उद्धव ठाकरे सरकार के लिए संकट खड़ा हो जाएगा।

शिंदे ने ट्वीट कर कहा, पिछले ढाई वर्षों में एम.वी.ए. सरकार ने केवल घटक दलों को फायदा पहुंचाया और शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ। घटक दल मजबूत हो रहे हैं। पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए अस्वाभाविक मोर्चे से बाहर निकलना जरूरी है। महाराष्ट्र के हित में अब निर्णय लेने की जरूरत है। 

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