UKSSSC Bharti SCAM : उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले की फांस अटकी धामी सरकार के गले में, नियुक्त कर्मचारियों को हटाने पर हाईकोर्ट की रोक

गोविंद सिंह कुंजवाल व प्रेमचंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में बैकडोर से हुई इन भर्तियों को लेकर बेरोजगार युवाओं में पनप रहे रोष को देखते हुए मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने भर्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था...

Update: 2022-10-15 12:44 GMT

UKSSSC Bharti SCAM : उत्तराखंड के बहुचर्चित विधानसभा भर्ती घोटाले में हटाए गए कर्मचारियों के मामले में नया पेंच आ गया है। हाईकोर्ट में शरण में पहुंचे हटाए गए कर्मचारियों को यहां से फौरी राहत मिल गई है। राज्य सरकार के फैसले पर कोर्ट की इस रोक के साथ ही मामला सरकार के गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है।

मालूम हो कि उत्तराखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्षों द्वारा की गई अपने सगे संबंधियों सहित कई और भर्तियों पर बवाल मच गया था। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल व प्रेमचंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में बैकडोर से हुई इन भर्तियों को लेकर बेरोजगार युवाओं में पनप रहे रोष को देखते हुए मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने भर्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था।

इसी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति की रिपोर्ट की सिफारिश के आधार पर 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द की गई थी। जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने 2011 से पहले की विधानसभा में हुई नियुक्तियों को नियमित होने के कारण उनकी नियुक्ति, नियमितिकरण, पदोन्नति पर विधिक राय लेने के बाद कार्रवाई की बात कही थी।

इधर विधानसभा की 250 नियुक्तियां रद्द होते ही कर्मचारियों में रोष पनपने लगा था, लेकिन सरकार की ओर से कोई राहत न मिलते देख उन्होंने उच्च न्यायालय की शरण ली, जहां शनिवार 15 अक्टूबर को उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व में विधानसभा अध्यक्षों द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से निकाले जाने के सरकार के निर्णय पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए कर्मियों को तात्कालिक राहत दे दी है। फिलहाल कर्मचारियों की नौकरी बनी रहेगी।

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