किसान आंदोलन पर UN मानवाधिकार ने कहा-अधिकतम संयम बरतें, न्यायपूर्ण समाधान महत्वपूर्ण

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था ने किसान आंदोलन को लेकर यह बात कही है, आंदोलन को लेकर हाल में कई विदेशी हस्तियों ने प्रतिक्रिया दी थी, जिसको लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी..

Update: 2021-02-06 05:20 GMT

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 70 दिनों से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आंदोलन के बीच विदेश के कई सेलिब्रेटिज के ट्वीट का मामला पहले से सुर्खियों में है। इन ट्विट्स को लेकर देश में भी पक्ष-विपक्ष में दो धड़े बन गए। सरकार ने भी इसमें दखल देते हुए कुछ ट्विट्स पर आपत्ति जताई थी। इन सबके बीच अब यूएन मानवाधिकार ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर पहली बार बयान दिया है।

मानवाधिकार मामलों में संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के कार्यालय की ओर से यह कहा गया है। यूएन के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय ने ट्वीट कर लिखा, 'आंदोलनकारियों और सरकार से अपील है कि वे अधिकतम संयम बरतें। ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से शांतिपूर्ण ढंग से इकट्ठा होने और अपनी बात रखने के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए। हर किसी के मानवाधिकार का सम्मान करते हुए न्यायपूर्ण समाधान महत्वपूर्ण है।'


संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार संस्था ने किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों दोनों से यह अपील की है।  किसान आंदोलन को लेकर हाल में कई विदेशी हस्तियों ने प्रतिक्रिया दी थी, जिसको लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी।

यह पहली बार है जब संयुक्त राष्ट्र की ओर से किसान प्रदर्शन को लेकर कोई बयान दिया गया है। इससे पहले बीते दो फरवरी को पॉप गायिका रिहाना ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया था। मीना हैरिस, ग्रेटा थनबर्ग और मिया खलीफा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया दी।

इसके बाद विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कुछ वेस्टेड इंटरेस्ट ग्रुप्स की ओर से इन आंदोलनों को पटरी से उतारने की कोशिश की जा रही है और इन निहित स्वार्थ समूहों में से कुछ ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की भी कोशिश की है।

इसके बाद देश के कई खिलाड़ियों, फिल्मी हस्तियों ने विदेश के सेलिब्रेटिज के ट्विट्स की आलोचना की।

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