Uniform Civil Code : उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए ड्राफ्टिंग कमेटी बनायी
Uniform Civil Code : कमेटी के बारे में जानकारी देते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया है कि देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए मा. न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई जी की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता (UCC) के क्रियान्वयन हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है...
Uniform Civil Code : उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनाने की घोषणा कर दी है। समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना देसाई को सौंपी गयी है। इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज प्रमोद कोहली, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़ और सुरेखा डंगवाल कमेटी के सदस्य होंगे।
कमेटी के बारे में जानकारी देते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया है कि देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए मा. न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई जी की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता (UCC) के क्रियान्वयन हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है।
देवभूमि की संस्कृति को संरक्षित करते हुए सभी धार्मिक समुदायों को एकरूपता प्रदान करने के लिए मा. न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई जी की अध्यक्षता में समान नागरिक संहिता (UCC) के क्रियान्वयन हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया गया है।#UniformCivilCode pic.twitter.com/JneieKhNmc
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 27, 2022
गोवा के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला दूसरा राज्य बनेगा उत्तराखंड
इससे पहले उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार (27 मई) को कहा है कि उनकी सरकार जल्द ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेगी। इसके साथ ही गोवा के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार (27 मई) को कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेगी। इसके साथ ही गोवा के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड दूसरा राज्य बन जाएगा।
आपको बता दें कि बीते 15 मई को सीएम पुष्कर धामी ने कहा था कि राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी समान नागरिक संहिता ;यूसीसीद्ध लागू करने की अपील की गयी हैं
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने किया था वादा
भारतीय जनता पार्टी ने अपने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता को लागू करने का वादा किया था। हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे ने राजनीतिक गर्मी पैदा की थी। इसके बाद राज्यों में भाजपा की सरकारों ने इस दिशा में कदम बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लगातार इसकी वकालत कर रहे हैं। उन्होंने कहना है कि देश में सबके लिए एक कानून होना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी भाजपा की सरकारों का समर्थन करते हुए कहा है कि हिमाचल भी इस दिशा में आगे कदम बढ़ाएगा।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का अर्थ होता है कि भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक समान कानून लागू होगा।