मोदी के मंत्री रावसाहेब दानवे बोले, किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ
केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि जिस तरह सीएए व एनआरसी को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया, उसी तरह कृषि कानून को लेकर किसानों को गुमराह किया जा रहा है...
जनज्वार। किसान आंदोलन के पीछे फिर एक बार विदेशी साजिश होने का दावा किया है। इस बार यह दावा सत्ताधारी पार्टी के किसी सामान्य नेता ने नहीं बल्कि एक केंद्रीय मंत्री ने किया है। महाराष्ट्र के जालना जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे (Union Minister Raosaheb Danve) ने कहा कि कृषि काूननों को वापस लिए जाने को लेकर किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है।
जालना जिले के बदनापुर तालुका में एक स्वास्थ्य केंद्र का उदघाटन करने पहुंचे मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि इससे पहले संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण को लेकर भी मुसलमान भाइयों को गुमराह किया गया था, लेकिन वह प्रयास असफल रहा।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सीएए व एनआरसी को लेकर लोगों को गुमराह किया गया, उसी तरह अब किसानों को उनके लिए बनाए गए कानून को लेकर गुमराह किया जा रहा है और उनसे कहा जा रहा है कि इससे नुकसान होगा।,
दानवे ने कहा कि कहा कि यह आंदोलन किसानों का नहीं है, बल्कि इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ हैं। हालांकि उन्होंने अपने इस दावे के पक्ष में यह नहीं बताया कि वे किस आधार पर यह कह रहे हैं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के प्रधानमंत्री हैं और भला उनके खिलाफ कोई निर्णय कैसे ले सकते हैं।
शिवसेना नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा दानवे के बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद भाजपा नेता अपना होश खो बैठे हैं और उन्हें पता नहीं चल रहा है कि वे क्या बोल रहे हैं।
राज साहेब दानवे केंद्र में खाद्य वितरण व उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री हैं। इससे पहले पिछले महीने उन्होंने दावा किया था कि भाजपा अगले दो से तीन महीने में राज्य में सरकार बना लेगी। अपने उस बयान को लेकर भी चर्चा में आ गए थे।
मालूम हो किसानों के आंदोलन के 15 दिन से अधिक हो गए हैं। विभिन्न किसान संगठनों के लाखों प्रतिनिधि दिल्ली के चारों ओर 16 दिनों से घेरा डाल कर बैठे हैं और उनकी सरकार से वार्ता विफल हो चुकी है। ऐसे में वे अपना आंदोलन और कड़ा करने जा रहे हैं। इस क्रम में वे 12 तारीख को दिल्ली-जयपुर व दिल्ली-आगरा हाइवे जाम करने वाले हैं। किसानों की मांग है कि मोदी सरकार ने संसद के मानसून सत्र में जो तीन कृषि कानून पारित किए उसे रद्द किया जाए।