उन्नाव : काजू कतली और दो मोबाईल में मैनेज हुआ CDO द्वारा पीटा गया पत्रकार, मुंह मीठा कराकर विवाद को दफनाया

शनिवार 10 जुलाई को उन्नाव से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा हो गया था। चुनाव की कवरेज कर रहे कथित पत्रकार कृष्णा तिवारी की सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने जबरदस्त कनपटी लाल कर दी थी....

Update: 2021-07-11 12:36 GMT

(मार खाकर मैनेज हुआ पत्रकार.एक दूसरे का मुँह मीठा कराते CDO उन्नाव दिव्यांशु पटेल व कथित पत्रकार कृष्णा तिवारी)

जनज्वार, उन्नाव। यूपी पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुख मतदान की वीडियो बनाने के दौरान कथित पत्रकार की सीडिओ द्वारा की गई पिटाई में अब लीपापोती हो गई है। पीटने और पिटने वाले में सुलह हो गई है। और तो दोनो की एक दूसरे को मुँह मीठा कराने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। 

गौरतलब है कि कल शनिवार 10 जुलाई को उन्नाव से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा हो गया था। चुनाव की कवरेज कर रहे कथित पत्रकार कृष्णा तिवारी की सीडीओ दिव्यांशु पटेल (CDO Unnao) ने जबरदस्त कनपटी लाल कर दी थी। एक बीजेपी नेता ने भी पत्रकार पर हाथ रमा किया था। 

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इस मामले में कई पत्रकार संगठनो ने रोष जताया था तो तमाम पत्रकार धरने पर भी बैठे थे। डीएम रविंद्र कुमार (Ravindra Kumar) ने सभी पत्रकारों को समझा-बुझाकर कार्रवाई का आश्वासन देकर चलता कर दिया था। लेकिन अब खबर है कि शाम होने से पहले ही सीडीओ और पिटने वाले पत्रकार कृष्णा तिवारी के बीच सुलहनामा हो गया है।

इस मारकूट, लप्टा-झप्टी में पत्रकार के दो मोबाईल (Mobile) जो टूटे थे वह भी उसकी शर्ट की उपर वाली जेब में डालकर तस्वीरें खिंचवाई गई हैं। सुलह की सामने आई तस्वीरों में सीडीओ और पत्रकार इतने खुश नजर आ रहे हैं कि कभी इससे पहले शायद ही खुश हुए हों। एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मुँह मीठा कराते हुए दोनो समान रिशतेदार से लग रहे हैं।

सीडीओ उन्नाव के हाथों कूटा गया पत्रकार मैनेज हो गया

इस बीच जो पत्रकार कथित कृष्णा तिवारी (Krishna Tiwari) की पिटाई होने से विधवा विलाप कर रहे थे और इसी बहाने कहीं छप-छपा जाने के प्रयास में थे तगड़ा झटका खाए होंगे। खैर लग तो ये रहा कि पिटे पत्रकार ने शायद सोंचा हो कि पानी में रहकर मगर जैसे अफसरों से क्या पंगा लेना और फिर दो के दो मोबाइल भी मिल गये। हटाओ मिट्टी उलीचो, मामले पर।

पत्रकार की पिटाई पर वरिष्ठ पत्रकार सुशील दुबे लिखते हैं कि 'बड़े बड़े अंतरराष्ट्रीय मसले यहाँ तक कि हत्या तक के केस मैनेज हो जाते हैं। दबाव और बहुत ही महंगी वाली मिठाई में, और लालच में भी। ये तो मात्र एक थप्पड़रूपी बेइज्जती का केस था, वो भी एक IAS विकास अधिकारी द्वारा सो विकास हो गया पत्रकार कृष्णा तिवारी का। और तिवारी जी थप्पड़ का अहसास कर मस्त भये। मेरा Fb और ट्विटर से इस्तीफा बिना कहे वापस।'

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