UP चुनाव 2022 : BJP के 'चचाजान' ओवैसी यूपी आ गये हैं, योगी के 'अब्बाजान' पर राकेश टिकैत का फार्मुला

राकेश टिकैत ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर सरकार ने बातचीत के लिए दिल्ली के दरवाजे नहीं खोले तो किसान उन दरवाजों को तोडऩा भी जानते हैं...

Update: 2021-09-15 08:26 GMT

(किसानों के 27 सितंबर के भारत बंद को राजनीतिक दलों का व्यापक समर्थन मिल रहा है)

जनज्वार, बागपत। किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) को बीजेपी (BJP) का चचाजान बताया है। बागपत में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब भाजपा के चचाजान ओवैसी आ गए हैं अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि वह धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास करेंगे जो भाजपा चाहती है। लेकिन किसान भी मांगों को पूरा नहीं करने पर भाजपा को सत्ता से बाहर करने का फैसला कर चुके हैं।

राकेश टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में 26 सितंबर को होने वाली महापंचायत को सरकार करा रही है। जिसमें सरकारी रोडवेज बसों का भी इस्तेमाल किया जाएगा। टिकैत मंगलवार को अग्रवाल मंडी टटीरी व हिसावदा गांव में पहुंचे थे। 

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यहां उन्होंने अग्रवाल मंडी टटीरी में भाकियू (BKU) के युवा जिलाध्यक्ष चौधरी हिम्मत सिंह के आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को किसानों की महापंचायत हुई थी और 26 सितंबर को सरकारी महापंचायत होगी। इस महापंचायत में केवल सरकारी लोग ही पहुंचेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा कि एमएसपी (MSP) के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है और रामपुर में 11000 फर्जी किसान बनाकर खरीद की गई। 27 सितंबर को भारत बंद के आह्वान को लेकर कहा कि आंदोलन को पूरी तरह सफल बनाया जाएगा। लोगों से भी अपील की जाएगी कि वह आंदोलन को सफल बनाएं।

राकेश टिकैत ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया है। इस तरह सरकार से गन्ने की कीमत 650, धान की 3700 रुपये प्रति क्विंटल व गेहूं की 4100 रुपये प्रति क्विंटल की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने वादे पूरे करें। 

दिल्ली के टूटेंगे दरवाजे 

मेघालय राज्यपाल सत्यपाल सिंह (Satypal Singh) के गांव हिसावदा में राकेश टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को दिल्ली की सीमा पर बैठे हुए दस महीने हो गए है। लेकिन सरकार ने दिल्ली के दरवाजे बंद कर दिए है और बातचीत नहीं कर रही है। राकेश टिकैत ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर सरकार ने बातचीत के लिए दिल्ली के दरवाजे नहीं खोले तो किसान उन दरवाजों को तोडऩा भी जानते हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) में किसान हितों की बात करने वाले को समर्थन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया तो बिजली के रेट भी यूपी में सबसे ज्यादा है। किसानों के गन्ना बकाया अभी तक नही दिया। राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून रद्द करने के बाद ही आंदोलन खत्म होगा और तभी किसान अपने घर जाएगा।  

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