UP : गंगा का जलस्तर बढ़ने से उन्नाव के बक्सर घाट पर पानी में दिखने लगे शव, बीच नदी रेत के टीले में दफनायी गई थीं सैकड़ों लाशें
पिछले दिनों कोरोना व अन्य बीमारियों से मौतों का ग्राफ बढ़ा था, फतेहपुर और रायबरेली जिले की सीमा पर स्थित बीघापुर के बक्सर श्मशान घाट पर जगह कम पड़ने पर लोगों ने गंगा के बीच रेत के टीले पर सैकड़ों शव दफन किए थे...
जनज्वार, उन्नाव। यूपी के उन्नाव जिले में बीते 2 दिनो से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कई जगह कटान की स्थिति शुरू हो गई है, जिसके चलते गंगा में कई शव उतराते हुए नजर आ रहे हैं। बीघापुर के बक्सर घाट पर 15 दिन पहले नदी के किनारे और धारा के बीच में दफनाए गए दर्जनों शव पड़े मिले थे। लोगों का कहना है पूर्व में दफनाए गए शव उतराने लगे हैं।
दरअसल पिछले दिनों कोरोना व अन्य बीमारियों से मौतों का ग्राफ बढ़ा था। फतेहपुर और रायबरेली जिले की सीमा पर स्थित बीघापुर के बक्सर श्मशान घाट पर जगह कम पड़ने पर लोगों ने गंगा के बीच रेत के टीले पर सैकड़ों शव दफन किए थे। नदी के किनारे और धारा के बीच टीले पर दफनाए गए शव खुले होने और कुत्तों द्वारा खींचकर इधर-उधर ले जाने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया था।
12 मई को अमर उजाला में खबर छपने के बाद प्रशासन हरकत में आया था। मामला शासन तक पहुंचा तो डीएम रवींद्र कुमार ने एसडीएम बीघापुर दयाशंकर पाठक और फतेहपुर जिले की बिंदकी तहसील एसडीएम प्रियंका से राजस्व टीम के साथ नक्शे का मिलान और पैमाइश कराई थी।
बीघापुर एसडीएम ने अपनी रिपोर्ट में रेत के टीले को फतेहपुर जिले की बिंदकी तहसील सीमा में होने की बात बताई थी। फतेहपुर और उन्नाव के अधिकारियों ने टीले पर दफनाए गए शवों पर पड़े कफन व कपड़े हटवाकर रेत चढ़ाकर शवों को बंद कर दिया था। इसके बाद डीएम ने श्मशान घाट पर शव दफनाने पर रोक लगा दी थी।
इधर पिछले दो दिनों से गंगा के जलस्तर में 44 सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है। जलस्तर बढ़ने से टीला डूब गया और तेज कटान शुरू हो गई है। शनिवार को काफी संख्या में सड़े गले शव और अंग अवशेष पानी में उतराते नजर आए। शव व अवशेष पानी के बहाव के साथ नदी के किनारों पर पहुंच रहे हैं। एसडीएम ने कहा कि नदी के बीच जिस टीले पर शव दफनाए गए थे वह फतेहपुर जिले की सीमा में है। शव उतराने की जानकारी नहीं है।