UP- Assam Crime News : मेरठ के दो गिरफ्तार भाइयों को ले गयी असम पुलिस, वहां काफिले पर उग्रवादियों ने हमला कर दिया, दोनों की मौत; जानिए क्या है पूरा सच
UP- Assam Crime News : फलावदा निवासी अकबर बंजारा और उसके दोनों भाई सलमान व शमीम को एक सप्ताह पहले फलावदा पुलिस ने गोकशी और राजमिस्त्री से रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था...
UP- Assam Crime News : असम (Assam) के कोकराझार (Kokrajhar) में पुलिस कस्टडी (Police Custody) में उग्रवादी हमले (Extremist Attack) में दो लाख का इनामी गोतस्कर अकबर बंजारा (Akbar Banjara) और उसका भाई सलमान (Salman) मारा गया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान चार पुलिसकर्मी (Police Personnel) भी घायल हुए हैं। असम पुलिस (Asam Police) ने अकबर का पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से भी कनेक्शन बताया है। दावा है कि गोतस्करी की कमाई का इस्तेमाल आतंकी संगठनों (Terrorist Organizations) को फंडिंग के लिए भी होता है।
फलावदा निवासी अकबर बंजारा और उसके दोनों भाई सलमान व शमीम को एक सप्ताह पहले फलावदा पुलिस ने गोकशी और राजमिस्त्री से रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया तो असम पुलिस ने 14 अप्रैल को बी-वारंट ले लिया। असम पुलिस सोमवार की रात 1.15 बजे कोकराझार ने समुद्र के रास्ते गोतस्करी का नेटवर्क देखने के लिए अकबर और सलमान को लेकर जा रही थी तभी उग्रवादियों ने गोलियां बरसा दी।
गाड़ी के अंदर बैठे अकबर बंजारा और सलमान घायल हो गए। पुलिस अकबर और सलमान को पीएचसी ले गई जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल से एक एके-47, दो मगजीन, 35 राउंड गोला बारूद और 28 खोखे मिले हैं। असम में इस घटना के बाद मेरठ के एसएसपी ने फलावदा में एहतियात के तौर पर फोर्स तैनात कर दी है।
हुंडियो और सोने के रूप में होता था लेन-देन
बताया जाता है कि अकबर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय के रास्ते बांग्लादेश तक गोतस्करी का नेटवर्क फैला चुका था। इससे होने वाली काली कमाई का बड़ा हिस्सा आईएसआई और एडीएफबी, केएलओ, कोकराझार, चिरांग, बक्सा और मेघया के कुछ कट्टरपंथी संगठनों को मिल रहा है। असम पुलिस का दावा है कि यह पूरा नेटवर्क हुंडियों और सोने के रूप में लेनदेन करता था। पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहन पड़ताल कर रही है।
खाकी-खादी के संरक्षण में चल रहा था गोतस्करी का गोरखधंधा
खबरों के मुताबिक अकबर बंजारे को अपना धंधा चलाने में खाकी और खादी दोनों का संरक्षण मिल रहा था। इसके सहारे उसका धंधा दूसरे राज्यों में भी फल—फूल रहा था। असम की पुलिस उसको ढूंढती रही और मेरठ पुलिस उसे बचाती रही। करीब दो साल से यह गोरखधंधा चल रहा था। मामले की जानकारी होने पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने फलावदा पुलिस को निर्देश दिए और घेराबंदी कर अकबर बंजारा और उसके दो भाई सलमान, शमीम को गिरफ्तार किया गया। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक गिरफ्तारी के दौरान बंजारे ने खाकी-खादी के इस खेल की बात मेरठ पुलिस को बताई थी।
फलावदा में उसके खिलाफ पुराना कोई मुकदमा दर्ज नहीं
खबरों के मुताबिक अकबर बहुत शातिर था। वह गोकशी लगातार करा रहा था। इसके बावजूद फलावदा में उसके खिलाफ पुराना कोई मुकदमा दर्ज नहीं था। स्थानीय स्तर पर बंजारे की जबरदस्त सांठगांठ थी। बताया जा रहा है कि उसने दूसरे राज्यों में भी गोतस्करी का धंधा चलाया और खूब संपत्ति अर्जित करता गया।