यूपी विधानसभा 2022 : BSP ने चली तुरूप की बेगम चाल, सतीश चंद्र मिश्रा दिलाएंगे बिकरू की दुल्हन को न्याय

कानपुर के डॉन विकास दुबे के मारे जाने के बाद यूपी में ब्राहमण वोटरों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। उसके बाद बेगुनाह नवविवाहिता खुशी दुबे की न्यायिक कस्टडी को लेकर भी तमाम ब्राहमण संगठनो में आक्रोश देखने को मिल रहा है...

Update: 2021-07-21 02:21 GMT
बिकरू कांड के एक साल बाद भी नवविवाहिता खुशी दुबे जेल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

जनज्वार, कानपुर। बिकरू कांड (Bikru Case) को अंजाम देने के बाद एक-एक कर मार दिए गये बदमाशों में से एक अमर दुबे की नवविवाहिता खुशी दुबे जेल में है। बीती 8 जुलाई को हाईकोर्ट ने खुशी की बेल रिजेक्ट कर दी थी। इसी कड़ी में वरिष्ठ अधिवक्ता और बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा खुशी दुबे का केस लड़ने जा रहे हैं। 

गौरतलब है कानपुर के डॉन विकास दुबे (Vikas Dubey) के मारे जाने के बाद यूपी में ब्राहमण वोटरों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। उसके बाद बेगुनाह नवविवाहिता खुशी दुबे की न्यायिक कस्टडी को लेकर भी तमाम ब्राहमण संगठनो में आक्रोश देखने को मिल रहा है। बसपा इसी मामले को आगामी 2022 विधानसभा चुनाव में भुनाना चाह रही है।

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सत्ता में वापसी के लिए मचल रही बसपा (BSP) एक बार फिर यूपी में ब्राहमणों के सहारे चुनावी नाव पार लगवाने में प्रयासरत है। 23 जुलाई को अयोध्या से शुरू होने वाले सम्मेलन से ठीक पहले पूर्व मंत्री और बसपा नेता नकुल दुबे ने बसपा द्वारा बिकरू कांड में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे की लड़ाई लड़ने का एलान किया है।

खुशी मारे गये यूपी के सबसे बड़े गैंग्स्टर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे (Amar Dubey) की पत्नी है। बिकरू कांड को अंजाम देने के बाद अमर भी एनकाउंटर में मार दिया गया था। अयोध्या सम्मेलन की तैयारियों का जायजा लेने पहुँचे नकुल दुबे ने कहा कि बिकरू कांड के बाद खुशी पर हत्या, आपराधिक साजिश सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

बिकरू कांड के बाद मारा गया विकास व उसके साथी (file photo)

नकुल दुबे ने कहा कि पीड़िता के परिजनो द्वारा कानपुर देहात की विशेष अदालत में हलफनामा दाखिल कर कहा गया था कि वह नाबालिग है। उसके अधिवक्ता ने दलील भी दी थी कि कांड से तीन दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी। जिसके चलते इस साजिश में खुशी दुबे (Khushi Dubey) कोई भूमिका नहीं थी बावजूद इसके उसे जमानत नहीं दी गई।

पूर्व मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि वरिष्ठ वकील और बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा खुशी का केस लड़ेंगे और रिहाई की मांग करेंगे। वहीं खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने कहा कि मुझे किसी पार्टी विशेष में दिलचस्पी नहीं है। खुशी की रिहाई में यदि कोई साथ देना चाहता है तो उसका स्वागत है।

हालांकि शिवाकांत ने यह भी कहा कि उन्हें अभी तक इस सिलसिले में किसी ने संपर्क नहीं किया है। साथ ही कहा कि किशोर न्याय बोर्ड ने खुशी के नाबालिग होने की पुष्टि कर दी है। लेकिन इसके बाद भी उसे जमानत (BAIL) नहीं दी जा रही है।

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