यूपीः सत्संग और प्रवचन के नाम पर आश्रम बुलाकर रेप करने का आरोपित बाबा सच्चिदानंद गिरफ्तार

बस्‍ती के संतकुटीर आश्रम में सत्संग और प्रवचन के नाम पर यौन शोषण का आरोपी बाबा सच्चिदानंद मुरादाबाद से गिरफ्तार, साढ़े तीन सालों से फरार बाबा पर 50 हजार का था इनाम

Update: 2021-07-01 06:12 GMT

जनज्वार अमरोहा। सत्संग और प्रवचन के नाम पर आश्रम बुलाकर रेप करने के आरोपी और 50 हजार के इनामी तथाकथित बाबा सच्चिदानंद को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमरोहा में पुलिस को ये बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। प्रदेश के बस्ती जिले के कोतवाली क्षेत्र में स्थित संतकुटीर आश्रम डमरुआ के महंत बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को यूपी एसटीएफ ने मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने इसकी पुष्टि की है। बता दें कि दयानंद पुलिस को चकमा देकर करीब साढ़े तीन वर्ष से फरार चल रहा था। हालांकि, उसके दो साथी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपी बाबा को बस्ती पुलिस टीम को सौंपा जायेगा है। गुरुवार 1 जुलाई की सुबह बस्ती पहुंचने की उम्मीद है। गैंगरेप समेत अन्य धाराओं में आरोपी तथाकथित बाबा को कोर्ट में पेश करने के साथ ही उसे रिमांड पर लेकर कोतवाली पुलिस पूछताछ करने की तैयारी में जुट गई है।

2017 का है मामला

उल्लेखनीय है कि संतकुटीर आश्रम डमरुआ बस्ती में यौन शोषण के मामले का खुलासा तब हुआ था, जब छत्तीसगढ़ से लाई गई दो साध्वियों ने 19 दिसंबर 2017 को आश्रम के महंत सच्चिदानंद उर्फ दयानंद और उसके सहयोगियों परमचेतानंद पुत्र अज्ञात, विश्वासानंद पुत्र अज्ञात, ज्ञान वैराज्ञानंद पुत्र अज्ञात, परमिला बाई पुत्री अज्ञात, कमला बाई पुत्री अज्ञात पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। दरअसल, आश्रम से कुछ युवतियों को धक्के मारकर निकाल दिया गया था। डरी-सहमी ये लड़कियां रात में एसपी दफ्तर पहुंचीं। जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। और इसके बाद 20 दिसंबर 2017 को कोतवाली पुलिस ने एक और साध्वी की तहरीर पर सच्चिदानंद और अन्य पर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में केस दर्ज किया था। सभी आरोपितों के खिलाफ 2008 से लगातार यौन शोषण व सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया था।

सत्संग के नाम पर करता था दुष्कर्म

पीड़ित महिलाओं ने अपने आरोप में बताया था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता था। उनमें से कुछ युवतियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में ही रख लिया जाता था। बाबा सच्चिदानंद उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा देता था।



बाद में उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय या फिर यहां के कथित बाबा व उसके शिष्यों के निर्देश पर अलग-अलग शहरों में प्रवचन-सत्संग करने के बहाने भेजकर लड़कियों का यौन शोषण किया जाता था।

साढ़े तीन साल से था फरार

यूपी पुलिस के लिए ये एक बड़ी सफलता है। आरोपी बाबा सच्चिदानंद करीब साढ़े तीन साल से फरार था। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी भी की थी, लेकिन वह नहीं मिला। बिहार, दिल्ली, मुंबई समेत कई राज्यों में बाबा सचिदानंद की तलाश की गयी थी। इस दौरान आश्रम की कुर्की तक हुई और बाद में आइजी की ओर से बाबा सच्चिदानंद पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया लेकिन फिर भी वो हाथ नहीं आया। जिसके बाद उसके एक शिष्य परमचेतानंद और सेविका उर्मिला बाई को पाचं अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था। बाद में सच्चिदानंद की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया था।

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