UP Election 2022 : साढ़े 23 करोड़ की आबादी में 65 प्रतिशत गरीब, अब 2022 चुनावी वोटिंग तक सरकार 15 करोड़ को मुफ्त में देगी इतना राशन!
UP Election 2022 : इस लहालोट हो जाने वाले फरमान के बीच यह भी समझना होगा की यूपी की कुल आबादी ही 23-24 करोड़ के आसपास है, जिसमें 15 करोड़ लोग गरीब हैं, जैसा सरकार कह रही...
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार 3 अक्टूबर को अयोध्या से 15 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने का वादा किया है। 15 करोड़ गरीब जनता को होली तक गेंहू-चावल, तेल, दाल, नमक व चीनी मुफ्त में दी जाएगी। लेकिन इस लहालोट हो जाने वाले फरमान के बीच यह भी समझना होगा की यूपी की कुल आबादी ही 23-24 करोड़ के आसपास है, जिसमें 15 करोड़ लोग गरीब हैं, जैसा सरकार कह रही।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में श्रीराम का अभिषेक करने के बाद कहा कि, 'मुफ्त राशन वाली केंद्र सरकार की योजना नवंबर में समाप्त हो रही है। लेकिन कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। लिहाजा होली यानी मार्च 2022 तक अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो मुफ्त गेहूँ व चावल सहित दाल, तेल, नमक, चीनी भी दिया जाएगा।' आपको बता दें कि मार्च में ही यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव भी होने हैं।
कितनी है यूपी की आबादी?
2019 में एक गैर सरकारी संस्था के आंकड़ों के मुताबिक यूपी की कुल जनसंख्या 22 करोड़ से ज्यादा हो चुकी थी। जिसके बाद 2021 में उत्तर प्रदेश की अनुमानित कुल जनसंख्या 23,15,02,578 हैं। जिसमें पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या 12,10,78,754 हैं, जबकि महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 11,04,23,824 हैं।
पत्रकार रवीश कुमार ने क्या कहा?
योगी सरकार के इस फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार लिखते हैं कि, 'सरकार ने मान लिया है कि 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 15 करोड़ ग़रीब हैं। ग़रीबी पिछली और मौजूदा सरकारों की आर्थिक नीतियों की विरासत होती है। और दोनों की आर्थिक नीतियाँ एक ही हैं। आक्रमकता और भयावहता में अंतर है। कह सकते हैं कि उन्हीं का क्रूर विस्तार हैं। मोदी सरकार अस्सी करोड़ ग़रीब लोगों को मुफ़्त अनाज दे रही है।
वह नहीं बताएगी या अब बताएगी तो मुफ़्त टीका की तरह फ़र्ज़ी आँकड़ों पर ही भरोसा करना होगा कि सात साल में ग़रीबी बढ़ी है या घटी है। यूपी में कितना शानदार विकास हुआ होगा कि 15 करोड़ लोग ग़रीब हैं। ये सरकार ही मानती है। कोई कह सकता है कि चुनाव के लिए यूपी में होली तक मुफ़्त अनाज दिया जाएगा लेकिन ग़रीबी इतनी है कि देना ही पड़ेगा।
उन्होने आगे लिखा हा, अगर आपको लगता है कि विकास नहीं हुआ है तो आप उन मूर्तियों, स्मारकों की तरफ़ देखिए जिन्हें विकास के बदले बनाया जा रहा है। जिसे देखकर आप विकास मान लेते हैं।'
मार्च में होने हैं 2022 विधानसभा चुनाव
राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव से पहले ऐन पहले राज्य की 65 प्रतिशत जनता को गरीब घोषित कर दिया है। जनता बेशक इस बात से खुश हो सकती है कि उनके हुक्मरान उनकी फिक्र कर रहे हैं। लेकिन चुनाव के बाद जब गरीबी और भी अदिक बढ़ेगी तो यह सरकार मुफ्तीकरण को बंद कर देगी। और यह भी जनता को ही ध्यान रखना होगा की सरकार किसी को अपनी जेब से नहीं देती। यह जो कुछ भी मिलेगा वह जनता की कमाई पर वसूले गये टैक्स का खर्च होता है जो सरकार आप पर खुद के लाभ के लिए खर्च करती है। जो योगी कर रहे। अपने वोट बैंक के लाभ को देखते हुए।