UP : न्यायालय में न्यायाधीश के साथ हुआ धोखा, लिपिक ने जज के जाली हस्ताक्षर बनाकर 2 रेपिस्टों की करा दी रिहाई

मामला संज्ञान में लेकर जिला जज ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद आरोपी के खिलाफ कोतवाली नगर में दो मामलों के लिए अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है...

Update: 2021-07-24 08:18 GMT

जज के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर एटा जेल से दो आरोपियों को रिहा करा दिया.

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) में हेराफेरी का ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पॉक्सो एक्ट में सजा काट रहे दो आरोपियों को जज के जाली हस्ताक्षर कर छुड़ा लेने का मामला सामने आया है। दोनो आरोपी जिला जेल में बंद थे, न्यायालय के ही एक लिपिक ने फर्जी हस्ताक्षर बनाकर रिहाई जारी कर आरोपियों को छुड़वा दिया।

पॉक्सो एक्ट में सजा काट रहे दोनो आरोपियों को फर्जी (Fraud) आदेश बनाकर छुड़ाने के मामले में लिपिक को दोषी पाया गया है। मामला संज्ञान में लेकर जिला जज ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद आरोपी के खिलाफ कोतवाली नगर में दो मामलों के लिए अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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जानकारी के मुताबिक विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम के यहां तैनात लिपिक मनोज कुमार (Manoj Kumar) ने न्यायाधीश कुमार गौरव के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जेल में बंद हाथरस के उमेश कुमार निवासी लोधई थाना सहपऊ को 7 नवंबर 2020 को रिहा करवा दिया था। उमेश पर एससी-एसटी एक्ट सहित एक किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म का मामला दर्ज था।

इसके अलावा दूसरे आरोपी विकास बघेल निवासी बारथर थाना कोतवाली देहात को 9 दिसंबर 2020 को रिहा कराया गया था। इस आरोपी पर पॉक्सो एक्ट (Posco Act) के तहत मामला दर्ज था। लिपिक मनोज कुमार पर यह दूसरा मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो के पेशकार नवरतन सिंह ने दर्ज कराया है।

इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह (op singh) का कहना है कि, न्यायालय में ही तैनैत लिपिक द्वारा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर दो संगीन धाराओं में बंद आरोपियों की रिहाई का आदेश बना देने का मामला गंभीर है। न्यायिक कर्मचारी की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ दो रिपोर्टें दर्ज की गई हैं। मामलों की जांच शुरू करा दी गई है। 

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