UP MLC Election Results 2022 : क्या चाचा शिवपाल और आजम ने अखिलेश की रणनीति को इतना बेदम कर दिया कि सपा खाता भी नहीं खोल पायी?
UP MLC Election Results 2022 : असेंबली के बाद विधान परिषद यानि एमएलसी चुनाव में भी 36 में से 33 सीटें बीजेपी जीत गयी हैं। केवल तीन सीटों पर बाहुबली उम्मीदवार भाजपा का रास्ता रोकने में सफल रहे हैं...
UP MLC Election Results 2022 : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा (BJP) की के लिए फिर एक अच्छी खबर है। 12 अप्रैल को विधान परिषद् चुनावों (UP Legislative Council Elections) के परिणाम ने भाजपा (BJP) ने 33 सीटों पर जीत हासिल कर एक बार फिर अपना दबदबा कायम रखा है। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (SP) को इस बार के विधान परिषद् चुनावों में एक भी सीट हाथ नहीं लगी है।
असेंबली (Assembly) के बाद विधान परिषद यानि एमएलसी चुनाव में भी 36 में से 33 सीटें बीजेपी जीत गयी हैं। केवल तीन सीटों पर बाहुबली उम्मीदवार भाजपा का रास्ता रोकने में सफल रहे हैं। लेकिन भाजपा के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि वह 40 साल बाद यूपी विधान परिषद में बहुमत पाने वाली पार्टी बन गयी है। वहीं विपक्षा का इन विधान परिषद् चुनावों में खाता भी नहीं खुल पाया है।
विप चुनावों के नतीजों से यह साफ हो गया है कि सपा नेता अखिलेश यादव अपने गढ़ में अपने करीबियों का विश्वास खो बैठे हैं। जहां एक ओर इटावा में चाचा शिवपाल तो वहीं दूसरी ओर रामपुर में कभी उनके सबसे करीबी रहे आजम खान ने ही उनकी सारी रणनीति पर पानी फेर दिया है। वे एक भी सीट पर अपने उम्मीदवारों जीत का स्वाद नहीं चखा सके हैं। उनके सबसे चर्चित उम्मीदवार डॉ. काफील खान भी चुनाव हार गए हैं।
आपको बता दें कि यूपी के विधान परिषद चुनावों में मिली यह जीत उसके लिए काफी अहम है क्यों उसे विधान परिषद में पहली बहुमत हासिल हो गया है। गौरतलब है कि यूपी में बीजेपी के अच्छे दिन 15 सालों के लंबे अंतराल के बाद साल 2017 से शुरू हुए थे। इस समय प्रदेश में उनकी सरकार तो बन गयी थी लेकिन पांच साल सत्ता में रहने के बाद भी उसे विधान परिषद में बहुमत नहीं मिल सका था। अब पहली बार भाजपा के पास यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों में बहुमत है। साल 1982 में कांग्रेस के पास यूपी विधान परिषद् में बहुमत था उसके बाद से पहली बार किसी पार्टी को विधान परिषद् में बहुमत हासिल हो सका है।
आपको बता दें कि सौ सदस्यों की यूपी विधान परिषद में बहुमत के लिए 51 सीटों की जरूरत होती है। अभी भाजपा के 34 एमएलसी थे। सपा के पास 17 सीटें हैं। बाकियों में बसपा के चार, कांग्रेस का एक, अपना दल (सोनेलाल) का एक सदस्य है। दो एमएलसी शिक्षक कोटे से हैं जबकि दो निर्दलीय और एक निषाद पार्टी का हैं। विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है। इनमें से 36 पर चुनाव हुए थे जिसमें 33 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है।