UP News : एनसीआरबी रिपोर्ट: हत्या और अपहरण के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर

NCRB Report : एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी (Covid 19 Panedemic) से प्रभावित साल 2020 के दौरान अपराध (Crime) के मामलों में 2019 की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। साल 2020 में रोज औसतन 80 हत्याएं हुईं ....

Update: 2021-09-17 11:28 GMT

जनज्वार डेस्क। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना से प्रभावित वर्ष 2020 के दौरान अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। देश में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सबसे आगे है। वहीं, अपहरण की सबसे ज्यादा वारदात भी उत्तर प्रदेश में हुईं। ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 42,54,356 मामले और विशेष एवं स्थानीय कानून (SSL) के तहत 23,46,929 मामले दर्ज किए गए।

गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाले एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी (Covid 19 Panedemic) से प्रभावित साल 2020 के दौरान अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। साल 2020 में रोज औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल आंकड़ा 29,193 पहुंच गया। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। यह ऐसे समय में था जब 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक कोविड-19 महामारी के कारण देश में लॉकडाउन था।

एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि अपहरण (Kidnapping) के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत की कमी आई है। 2020 में अपहरण के 84,805 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में 1,05,036 एफआईआर हुई थीं। आंकड़े बताते हैं कि 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 9,309, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320 मामले दर्ज किए गए।

आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं। एनसीआरबी ने कहा कि देश में अपहरण के 84,805 मामलों में 88,590 पीड़ित थे। उसने बताया कि इनमें अधिकतर यानी 56,591 पीड़ित बच्चे थे।

पूरे देश में 2020 में बलात्कार के रोज औसतन 77 मामले दर्ज किए गए और कुल 28,046 मामले सामने आए। देश में ऐसे सबसे ज्यादा मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे।

आईपीसी की धारा 188 के तहत के तहत लोक सेवकों द्वारा लागू व्यवस्था का उल्लंघन करने को लेकर साल 2019 में 29,469 मामले दर्ज किये गए थे जो वर्ष 2020 में बढ़कर 6,12,179 हो गए। साल 2019 में भारतीय दंड संहिता से जुड़े अन्य अपराध के 2,52,268 मामले दर्ज किए गए थे जो 2020 में 10,62,399 हो गए। यह 2019 की तुलना में अपराध के दर्ज किए मामले में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी को दिखाता है। साल 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किए गए थे और साल 2020 में 14,45,127 मामले अधिक दर्ज किए गए।

भारत में 2020 में साइबर अपराध के 50,035 मामले दर्ज किए गए जो उसके पिछले वर्ष दर्ज मामलों की तुलना में 11.8 फीसदी अधिक है। साथ ही 'सोशल मीडिया पर फर्जी सूचना' के 578 मामले सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार देश में साइबर अपराध की दर (प्रति एक लाख की आबादी पर घटनाएं) 2019 में 3.3 फीसदी से बढ़कर 2020 में 3.7 फीसदी हो गईं। देश में 2019 में साइबर अपराध के मामलों की संख्या 44,735 थी, जबकि 2018 में यह संख्या 27,248 थी।

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