UP Police : चुनावों में जीत के बाद क्या अब योगी सरकार का "बुलडोजर" पत्रकारों पर ही चलेगा?

UP Police : आगरा में पंजाब केसरी के पत्रकार गौरव बंसल पर 08 मार्च को मतगणना में हंगामे के कवरेज के बाद बवाल करने और सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। कल देर रात पुलिस ने पत्रकार गौरव बंसल को उनके घर से उठा लिया और थाने ले आए।

Update: 2022-03-17 11:25 GMT

पुलिस हिरासत में पत्रकार

​UP Police : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में वर्तमान सरकार की वापसी के बाद यह तय हो गया था कि प्रदेश में बुलडोजर चलेगा पर अब ऐसा लग रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर पहले मीडियाकर्मियों को ही निशाना बनाने लगा है। योगी शासन और प्रशासन की निगाह पर इस बार पत्रकारों पर है।

आगरा में पंजाब केसरी के पत्रकार गौरव बंसल पर 08 मार्च को मतगणना में हंगामे के कवरेज के बाद बवाल करने और सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। कल देर रात पुलिस ने पत्रकार गौरव बंसल को उनके घर से उठा लिया और थाने ले आए। 

थाने में पत्रकार को रात भर जानवरों की तरह पीटा गया। उसे थर्ड डिग्री दी गई। मां-बहन की भद्दी भद्दी गालियां लगातार दी जा रही थी। इस दौरान पत्रकार गौरव बंसल फूट-फूट कर रोते रहें लेकिन पुलिसकर्मियों पर जैसे खून सवार हो चुका था। उन्होंने पत्रकार को खूब पीटा। सुबह जब पत्रकार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तो पत्रकार सिसकियां भरने लगे।

मजिस्ट्रेट के सामने अपने साथ हुई ज्यादती को बयां करते हुए पत्रकार गौरव बंसल ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने रात भर थाने में उनपर थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। बेइज्जत करने के लिए महिला कर्मियों को बुलाकर पिटवाया गया। थानेदार और अन्य पुलिसकर्मियों ने रात को भदृी गालियां देते हुए कई बार लॉकअप से निकालकर पिटाई की। गौरव ने यह भी बताया कि यूपी पुलिस ने उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जैसे किसी शातिर अपराधी के साथ किया जाता है। फिलहाल अधिवक्ताओं की दलील के बाद गौरव को 21 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

एक पत्रकार पर पुलिसिया दमन की इस घटना को लेकर मीडिया जगत में खासा रोष व्याप्त है। इस घटना के विरोध में प्रेस क्लब, आगरा ने अपना होली मिलन समारोह भी रदृद कर दिया है। आपको बता दें कि पत्रकार गौरव बंसल की गिनती आगरा के ईमानदार और निष्पक्ष पत्रकारों में होती है जो लगातार आम जनमानस के मुद्दे मीडिया के जरिये उठाते रहते हैं।

ऐसा लग रह है कि योगी सरकार की सत्ता में वापसी से पुलिसकर्मियों का मनोबल इतना बढ़ गया है​ कि वे अब इसे पत्रकारों और शरीफ लोगों पर भी निकलने से नहीं चूक रही है। हम आपको बता दें कि यह वही यूपी पुलिस है जिसे हमने अपराधियों के मुकाबले में खेतों में मुंह से ठांय-ठांय की आवाज निकालते देख ओर सुन चुके हैं।

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