UP Special Police Establishment Act : क्या उत्तर प्रदेश पुलिस को सीबीआई की तर्ज पर अधिकार देने की चल रही है तैयारी ? जानिए क्या है पूरा मामला?

UP Special Police Establishment Act : उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की टीम काम करेगी...

Update: 2022-04-22 13:00 GMT

UP Special Police Establishment Act : क्या उत्तर प्रदेश पुलिस को सीबीआई की तर्ज पर अधिकार देने की चल रही है तैयारी ? जानिए क्या है पूरा मामला?

UP Special Police Establishment Act : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भ्रष्टाचार (Corruption) पर नकेल कसने के लिए यूपी सरकार (UP Government) की जांच एजेंसी (Investigating Agency) को सीबीआई (CBI) की तर्ज पर अधिकार देने की तैयारी चल रही है। यूपी स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट (UP Special Police Establishment Act) का मसौदा तैयार किया जा रहा है। इस एक्ट के तैयार होने के बाद घोटालों की जांच करने वाली एजेंसी के पास सीबीआई की तरह अधिकार होंगे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस के पास घोटालों व अपराध के मामलों की जांच के लिए स्पेशल एजेंसी विजिलेंस, एसआईटी, सीबीसीआईडी और ईओडब्लू जैसी एजेंसियां हैं।

यूपी तक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2007 में मायावती सरकार में बड़े मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ था। अंग्रेजों के जमाने की सीआईडी आज सीबीसीआईडी के तौर पर काम कर रही है। अफसरों और सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए विजलेंस बनाई गई वहीं 10 करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों की जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा बनी थी. मगर अब उत्तर प्रदेश में स्पेशल एक्ट के अधीन एक एजेंसी का गठन किया जाएगा जो सीबीआई की तर्ज पर काम करेगी। मौजूदा समय की एसआईटी का चीफ डीजी और एडीजी रैंक का अफसर होता है, जो डीजीपी के अधीन काम करता है। सीबीआई की तरह यूपी स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट बनने के बाद काम करने वाली जांच एजेंसी सीधे उत्तर प्रदेश के गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेगी। सीबीआई की तरह उसका अपना अलग डायरेक्टर होगा, उसकी अपनी अलग मैन पावर होगी।

मौजूदा वक्त की एसआईटी और विजिलेंस जैसी एजेंसी के अपने थाने नहीं हैं, उनके पास केस लेने के सीमित अधिकार हैं। डीजीपी या शासन के आदेश पर कोई भी केस SIT, EOW आदि जांच एजेंसी को भेज दिया जाता है, जबकि सीबीआई को केस 3 तरह से दिए जाते हैं। पहला कोर्ट के आदेश पर, दूसरा गृह मंत्रालय के आदेश पर और तीसरा डायरेक्टर सीबीआई के संज्ञान लेने के बाद गृह मंत्रालय की मंजूरी लेने पर।

पुलिस की जांच एजेंसी अफसरों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में राजनैतिक कारणों से बचती रही है। जैसे उत्तर प्रदेश के एनआरएचएम घोटाले में जब जांच sit के पास रही तो, कोई बड़ी गिरफ्तारी नही हुई, लेकिन जांच सीबीआई को गई तो सीबीआई ने डिप्टी सीएमओ, आईएएस समेत मंत्रियों को तक जेल भेज दिया।

एसआईटी में काम करने वाले पुलिसकर्मी पुराने ढर्रे पर ही काम करते रहे हैं। सीबीआई की तर्ज पर बनने वाली जांच एजेंसी में तैनात होने वाले अफसर स्पेशल ट्रेनिंग प्राप्त होंगे और उनके लिए एजेंसी में पोस्टिंग साइड पोस्टिंग नहीं होगी।

फिलहाल उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की टीम काम करेगी। एक्ट बनने के बाद जांच एजेंसी को मिलने वाले अधिकार से उनकी गुणवत्ता में भी सुधार आने की उम्मीद है।

इस बारे में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कहना है कि उत्तर प्रदेश में जांच एजेंसी की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सीबीआई की तर्ज पर यूपी स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट बनाया जाएगा ताकि जांच एजेंसी सीबीआई की तर्ज पर ही ज्यादा अधिकारों के साथ अपने काम को अंजाम दे सके और भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कस सके। 

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