यूपी STF ने ब्लड स्मगलर्स गैंग का किया पर्दाफाश, कैंप लगा खून लेने के बाद करते थे मिलावटी आपूर्ति

गिरफ्तार आरोपियों द्वारा एसटीएफ के सामने कई सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं। आरोपियों ने कुबूल किया है कि, मिलावटी व तस्करी कर लाए गये खून को लखनऊ के कई नामी अस्पतालों में खपाया जाता था...

Update: 2021-09-17 05:45 GMT

(एसटीएफ द्वारा अरेस्ट किए गये तस्कर डॉ.अभय प्रताप व अभिषेक पाठक)

जनज्वार, लखनऊ। यूपी एसटीएफ (UP STF) ने ब्लड की तस्करी (Blood Smugglers) करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के दो सदस्यों को राजधानी से गिरफ्तार किया गया है।  गिरफ्तार आरोपियों में एक डॉक्टर शामिल है। आरोपियों के पास से 100 यूनिट ब्लड, 21 ब्लड बैंक के जाली दस्तावेज, ब्लड शिविर के बैनर सहित अन्य दस्तावेज बरामद किये गये हैं।

एसटीएफ के मुताबिक गिरोह दूसरे राज्यों में रक्तदान शिविर (Blood Donate Camp) का आयोजन करता था। वहां से रक्त को एकत्र कर यूपी में कई एजेंटों के माध्यम से अस्पतालों में सप्लाई करता था। इसके अलावा खून में मिलावट कर एक को दो यूनिट बनाने की बात भी सामने आई है। पकड़े गये आरोपियों में डॉ. अभय प्रताप सिंह व अभिषेक पाठक शामिल हैं।

रक्तदान शिविर लगाकर एकत्र करते थे ब्लड

डॉ. अभय (dr. abhay) लखनऊ का रहने वाला बताया जा रहा है और वर्तमान में वह बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल कॉलेज सैफई इटावा (Saifai Etawah) में तैनात था। गिरफ्तार आरोपियों द्वारा एसटीएफ के सामने कई सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं। आरोपियों ने कुबूल किया है कि, मिलावटी व तस्करी कर लाए गये खून को लखनऊ के कई नामी अस्पतालों में खपाया जाता था।

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इन अस्पतालों में अवध हॉस्पीटल आलमबाग, वर्मा हॉस्पीटल काकोरी, काकोरी हॉस्पीटल, निदान ब्लड बैंक, बंथरा व मोहनलाल गंज के अलावा कई अस्पताल शामिल हैं। गिरोह के सदस्यों में कमल सत्तू, दाताराम, हरियाणा का लितुदा, केडी कमाल, अजहर राव, नीलेश सिंह हरियाणा व दिल्ली में मदद करता था। लखनऊ में गिरोह के एजेंट बृजेश निगम, सौरभ वर्मा, दीपू चौधरी, जावेद खान, धीरज तंवर शामिल हैं।

लखनऊ में सप्लाई करते पकड़ा गया गिरोह 

एसटीएफ ने बताया कि आरोपी राजस्थान, हरियाणा व पंजाब के रक्तदान शिविरों से कलेक्ट किए गये खून लेकर लखनऊ पहुँच रहे थे उसी वक्त हिरासत में लिए गये हैं। आरेपियों के पास से कार के अंदर मिले गत्ते में 45 यूनिट खून बरामद हुआ। जिसे एसटीएफ ने औषधि निरीक्षक के सुपुर्द कर दिया। इस दौरान अभय ने टीम को गुमराह करने की कोशिश की। इनके पास से बरामद किए गये दस्तावेजों से खून की तस्करी करने वाले गिरोह से संबंध होने की बात सामने आई है।

पहले भी हुआ है खुलासा 

डिप्टी एसपी एसटीएफ अमित नागर की टीम ने खून की तस्करी कर बेचने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है। एसटीएफ ने इससे पहले 2018 में भी अवैध तरीके से खून निकालकर सेलाइन वाटर की मिलावट कर दोगुना करबेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।

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