यूपी की मेरठ पुलिस ने अच्छा काम करके भी बरती संवेदनहीनता, दुधमुंहे बच्चे को एक हाथ से तानकर मां को सौंपा

बच्चे को उठाने के कारण में पुलिस वहां पत्थरबाजी होने की बात कह रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि वहां पर पत्थरबाजी जैसी कोई भी घटना नहीं घटी है। दरअसल यह बच्ची अपनी मां से किसी कारणवश छूट गई थी जिसे खोजते हुए पुलिस ने इस तरह से उठाकर मां के सुपुर्द किया था...

Update: 2021-06-23 16:28 GMT

मेरठ के बेगमपुल में खोए बच्चे को मां तक पहुँचाने में पुलिस ने दिखाई संवेदनहीनता.

जनज्वार, मेरठ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और उनकी पुलिसिंग के भीतर इतिहास में इससे ज्यादा शर्मनाक तस्वीर नहीं दिख सकती है। तस्वीर मेरठ के लालकुर्ती मार्केट की बताई जा रही है। यहां एक अपनी मां से बिछड़ गए बेटे से यूपी की मेरठ पुलिस कुछ इस संवेदनहीन अंदाज में मिलती नजर आई।

मामले में मेरठ पुलिस की तरफ से जो बयान आया है उसमें कहा गया है कि 'मेरठ के लालकुर्ती स्थित बेगमपुल में बच्चे को उठाने की जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें, बच्चे को पत्थरबाजी से बचाने के लिए सड़क से उठाकर बच्चे की मां को सौंपा गया है। जिसमें बच्चे की मां ने पुलिस का शुक्रिया अता फरमाया है। 

गौरतलब है कि मेरठ के लालकुर्ती स्थित बेगमपुल मार्केट यहां के अति व्यस्ततम इलाकों में से एक है। यहां हर समय भीड़ देखी जा सकती है। इस पुल से थोड़ी ही दूर रेलवे स्टेशन व बस अड्डा दोनो ही नजदीक पड़ते हैं। जिसके चलते यहां अक्सर भीड़ का सामना करना पड़ता है। 

मेरठ के जिस पुल की यानी बेगमपुल की यह घटना बताई जा रही है वहां बच्चे को उठाने के कारण में पुलिस वहां पत्थरबाजी होने की बात कह रही है, लेकिन बताया जा रहा है कि वहां पर पत्थरबाजी जैसी कोई भी घटना नहीं घटी है। दरअसल यह बच्ची अपनी मां से किसी कारणवश छूट गई थी जिसे खोजते हुए पुलिस ने इस तरह से उठाकर मां के सुपुर्द किया था। 

हालांकि यहां पुलिस ने एक तरह से काम अच्छा तो किया है लेकिन वह संवेदनशीलता के मामले में चूक गई है। जिसे शोसल मीडिया पर मुद्दा बना लिया गया है। वहीं अगर पुलिस इस मासूम सी बच्ची को ठीक तरह से लेकर मां के पास गई होती तो अभी उनकी हर तरफ तारीफ कसी जा रही होती। 

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