Uttar Pradesh Bulldozer News : पूर्व SC जजों और एडवोकेट्स ने CJI को लिखा पत्र, यूपी में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के दमन का लगाया आरोप
Uttar Pradesh Bulldozer News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जुमे के नमाज के बाद हिंसा (Uttar Pradesh Violence) और उसके बाद हुई कार्रवाई में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के दमन का आरोप लगाते हुए 3 पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत 12 लोगों ने चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी है...
Uttar Pradesh Bulldozer News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जुमे के नमाज के बाद हिंसा (Uttar Pradesh Violence) और उसके बाद हुई कार्रवाई (Uttar Pradesh Bulldozer News) में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के दमन का आरोप लगाते हुए 3 पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत 12 लोगों ने चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी है। बता दें कि इस पत्र में उत्तर प्रदेश में प्रदर्शनकारियों को अवैध रूप से हिरासत में लेने, घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई (Uttar Pradesh Bulldozer News) और और पुलिस हिरासत में कथित पुलिस हिंसा की अलग-अलग घटनाओं का सो-मोटो लेने का आग्रह किया है।
राज्य प्रशासन ने दी हिंसक कार्रवाई करने की मंजूरी
बता दें कि पत्र में लिखा गया है कि प्रदर्शनकारियों को सुनने और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का मौका देने के बजाय, उत्तर प्रदेश के राज्य प्रशासन ने ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई (Uttar Pradesh Bulldozer News) करने की मंजूरी दी है।
जानिए क्या लिखा है पत्र याचिका में
बता दें कि पत्र में लिखा गया है है कि 'मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर आधिकारिक तौर पर अधिकारियों को 'दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई (Uttar Pradesh Bulldozer News) करने के लिए प्रोत्साहित किया है कि यह एक उदाहरण स्थापित करता है ताकि कोई भी अपराध न करे या भविष्य में कानून अपने हाथ में न ले।' साथ ही पत्र याचिका में आगे लिखा है कि 'उन्होंने आगे निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980, और उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986, गैरकानूनी विरोध के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ लागू किया जाना चाहिए। इन टिप्पणियों ने पुलिस को क्रूरता और गैरकानूनी रूप से प्रदर्शनकारियों को यातना देने के लिए प्रोत्साहित किया है।'
उत्तर प्रदेश में चल रहा है अवैध बुलडोजर
आगे पत्र में यह कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और विरोध करने वाले नागरिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। विभिन्न वीडियो सामने आए हैं, जिसमें देखा यह देखा गया है कि पुलिस हिरासत में युवकों को लाठियों से पीटा जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के घरों को बिना सूचना के तोड़ा (Uttar Pradesh Bulldozer News) जा रहा है और अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारियों का पीछा किया जा रहा है और पुलिस उन्हें पीट रही हैं।
गैरकानूनी तरीके से हो रही हैं NSA और गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई
पत्र में कहा गया है कि बीजेपी से निलंबित हो चुके 2 प्रवक्ताओं ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान दिया। इससे आंदोलन हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों को गैरकानूनी तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने इन लोगों के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA और गैंगस्टर एक्ट जैसे सख्त कानून लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
इन 12 लोगों ने लिखी पत्र याचिका
- जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट
- जस्टिस वी. गोपाल गौड़ा, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट
- जस्टिस ए.के. गांगुली, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट
- जस्टिस एपी शाह, पूर्व चीफ जज, दिल्ली हाईकोर्ट
- जस्टिस के चंद्रू, पूर्व जज, मद्रास हाईकोर्ट
- जस्टिस मोहम्मद अनवर, पूर्व जज, कर्नाटक हाईकोर्ट
- शांति भूषण, सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
- इंदिरा जयसिंह, सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
- चंद्र उदय सिंह, सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
- श्रीराम पंचू, सीनियर, मद्रास हाईकोर्ट
- प्रशांत भूषण, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
- आनंद ग्रोवर, सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट
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