Uttar Pradesh News : इस्लाम छोड़ हिंदू बने वसीम रिजवी अखाड़े को दान में देंगे अपनी संपत्ति, संन्यास लेने पर कर रहे हैं विचार

Uttar Pradesh News : इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ( Waseem Rizvi ) उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ( Jitendra Narayan Tyagi ) अपनी संपत्ति अखाड़े को दे सकते हैं...

Update: 2022-05-28 11:27 GMT

Uttar Pradesh News : इस्लाम छोड़ हिंदू बने वसीम रिजवी अखाड़े को दान में देंगे अपनी संपत्ति, संन्यास लेने पर कर रहे हैं विचार

Uttar Pradesh News : इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ( Waseem Rizvi ) उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ( Jitendra Narayan Tyagi ) अपनी संपत्ति अखाड़े को दे सकते हैं। बात दें कि उत्तराखंड ( Uttarakhand ) के हरिद्वार ( Haridwar ) में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के संन्यास लेने की तैयारियां चल रही हैं।

संपत्ति का ब्यौरा जुटाने निकले लखनऊ

इस बीच वसीम रिजवी अपने पूरी संपत्ति का ब्योरा जुटाने के लिए लखनऊ निकल गए हैं। बता दें कि संतों की ओर से उन्हें अपने परिवार से एक बार मिलने की अपील की गई थी, लेकिन वसीम रिजवी अपने घर जाने को तैयार नहीं थे। शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने उनसे अपील की। जिसके बाद कई दिनों तक अपील करने के बाद वसीम रिजवी अपने घर चले गए है। मीडिया में दावा किया जा रहा है कि शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप उन्हें संन्यास दिलाएंगे।

अखाड़े या आनंद स्वरुप को सौंपेंगे संपत्ति

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वसीम रिजवी अपनी संपत्ति अखाड़े या फिर आनंद स्वरूप को सौंप सकते है। हालांकि संपत्ति किसको दी जाएगी, इस पर अभी चर्चा होनी बाकि है। लखनऊ के अलावा वसीम रिजवी की मुरादाबाद में भी संपत्ति है। उनका बेटा विदेश में है, जबकि उनकी बेटी की शादी हो चुकी है।

भड़काऊ भाषण देने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी

आपको जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरी हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 नवंबर तक आयोजित हुई धर्मसंसद (Dharm Sansad) में अर्मादित और भड़काऊ भाषण (Hate Speech) देने के मामले उन्हें गिरफ्तार किया गया था। जेल गए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी सुप्रीम कोर्ट से अंतरित जमानत मिलने के बाद अब सन्यास लेने की तैयारियों में जुटे हैं। संन्यास को लेकर वह कई संतों से भी मुलाकात कर चुके हैं। शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने बताया कि संपत्ति के सिलसिले में रिजवी लखनऊ चले गए हैं।

तीन महीने की मिली अंतरिम जमानत

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण से जुड़े हरिद्वार धर्म संसद मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी को चिकित्सा आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दे दी थी। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने त्यागी, जिन्हें पहले वसीम रिज़वी के नाम से जाना जाता था, को यह वचन देने का निर्देश दिया कि वह अभद्र भाषा में शामिल नहीं होंगे और इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल, या सोशल मीडिया पर कोई बयान नहीं देंगे। इस साल मार्च में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के बाद त्यागी ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

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