Uttar Pradesh : 109 साल के बुजुर्ग का अनोखा तमाशा, कब्र खुदवाकर किया मौत का इंतजार, जानिए फिर क्या हुआ?
तय समय निकल जाने के बाद न तो मौत का फरिश्ता आया न और न ही बुजुर्ग की मौत हुई। तब कोतवाल और एसडीएम सिरौली गौसपुर ने किसी तरह बुज़ुर्ग को समझा कर घर वापिस भेजा।
Uttar Pradesh : बाराबंकी जिले में शुक्रवार को अल्लाह की ओर से एक बुज़ुर्ग की संभावित मौत का फरमान आने की जानकारी फैलने के बाद अनोखा तमाशा देखने वालों की भीड़ लग गई। मजमा इसलिए लग गया कि दिन-रात इबादत में डूबे रहने वाले 100 साल से ज्यादा उम्र के बुज़ुर्ग मोहम्मद शफी ने खुद अपने रिश्तेदारों और इलाके वालों को ये पैगाम भेजा था कि उनकी फरिश्ते से बात हुई है। उन्होंने बताया है कि एक बजकर 10 मिनट पर मेरी मौत हो जाएगी।
लोग टकटकी लगाए यह देखते रहे कि ...
अपनी मौत को अल्लाह का हुक्म मानकर उसका स्वागत करने के लिए 109 वर्षीय बुजुर्ग ने खुद के लिए बाकायदा कब्र बनवाई। बुजुर्ग तय समय से पहले गुस्ल और कफन पहनकर कब्र के पास बैठ गया। इस बात पर पहले तो क्षेत्र के लोगों ऐतबार नहीं हुआ लेकिन कुछ देर में देखते ही देखते लोगों का मजमा लग गया। लोग घंटों टकटकी लगाए देखते रहे कि बुजुर्ग के शरीर से रूह कैसे निकलती है। बुजुर्ग के प्रति लोगों की भावनाओं को देखते हुए पुलिस और तहसील प्रशासन के लोग भी लंबी प्रतीक्षा करते रहे। लेकिन तय समय निकल जाने के बाद न मौत का फरिश्ता आया और न ही बुजुर्ग की मौत हुई। तब कोतवाल और एसडीएम सिरौली गौसपुर ने किसी तरह बुज़ुर्ग को समझा कर घर भेजा।
कफन पहन घंटों किया मौत का इंतजार
दरअसल, सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम नूरगंज में शुक्रवार की सुबह से लोगों का आना-जाना शुरू हो गया जिसका कारण यह था कि सौ साल की उम्र पार करने वाले मोहम्मद शफी ने बताया था कि आज 1 बजकर 10 मिनट पर मेरा इंतकाल हो जाएगा। इसके लिए मोहम्मद शफी ने अपनी देखरेख में ही गांव में ही स्थित कब्रिस्तान में कब्र खुदवाई एवं नहा-धोकर कफन पहनकर घंटों तक मौत का इंतजार करते रहे।
जिब्राईल से रोज होती है मुलाकात
फरिश्ता के न आने से निराश और खुद की मौत की भविष्यवाणी करने वाले मोहम्मद शफी ने बताया कि हम 5 वक्त की नमाज पढ़ते हैं। हमारी जिब्राईल से रोज मुलाकात होती है। उन्होंने बताया था कि शुक्रवार दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर मेरा इंतकाल हो जाएगा। जिसके लिए पहले से नाते एव रिश्तेदारों को सूचना दे देने से सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया। कफन पहने बैठे वे मौत का इंतजार करते रहे। बताए गए समय के बीत जाने पर उप जिलाधिकारी सिरौली गौसपुर सुरेन्द्रपाल विश्वकर्मा और थाना प्रभारी निरीक्षक सफदरगंज सुधीर कुमार सिंह ने अभी और जीने की बात को समझाकर बुजुर्ग व्यक्ति को घर वापिस जाने के लिए किसी तरह राजी किया।