अखिलेश और कांग्रेस ने योगी सरकार को बताया युवा विरोधी, बहाली के बाद 5 साल संविदा पर काम करने का मामला

सरकारी नौकरी में बहाली के बाद 5 साल संविदा पर काम करने के बाद स्थायी करने की यूपी सरकार के फैसले को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने युवा विरोधी बताया है.…

Update: 2020-09-14 02:30 GMT

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (File photo)

जनज्वार। सरकारी नौकरी में बहाली के बाद 5 साल संविदा पर काम करने के बाद स्थायी करने की यूपी सरकार के फैसले को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने युवा विरोधी बताया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर जनहित की योजनाओं को खत्म कर राजनीतिक विस्तार और सत्ता पर एकाधिकार को ही विकास का मानक मानने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई सारी विकास योजनाओं को बंद किया जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्य ठप्प हैं। युवाओं के प्रति सरकार संवेदनहीन है। बीजेपी सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश हर स्तर पर पिछड़ता जा रहा है। कानून व्यवस्था और कारोबार दोनों चौपट हैं। परेशान नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि अब यह सरकार युवाओं के विरोध में आ गई है। समूह ख व ग की भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है, जिससे सरकारी नौकरियों में भी ठेका प्रथा लागू हो जाएगी। परीक्षा से आए समूह ख व ग के कर्मचारियों को पहले 5 साल तक संविदा पर रखा जाएगा। पांच वर्ष की कठिन संविदा प्रक्रिया में छंटनी से वे जब बच पाएंगे तभी पक्की नौकरी मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तक भर्ती के लिए चयनित कर्मी को एक या दो वर्ष के प्रोबेशन पर नियुक्ति मिलती है और उसे नियमित कर्मी की तरह वेतन व अन्य लाभ प्राप्त होते रहे हैं।

अखिलेश यादव ने कहा, राज्य सरकार के नए नियम लागू होने पर चयनित कर्मी को नियमित सरकारी सेवकों को लाभ नहीं मिलेंगे। उस पर सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 भी लागू नहीं होगी। इन संविदा कर्मियों का कोई अधिकार और भविष्य नहीं होगा। सरकार जब चाहे उन्हें बाहर निकाल सकेगी। संविदा कर्मी को कार्य अवधि में पूरा वेतनमान भी नहीं मिलने वाला है।

उधर कांग्रेस ने भी इस फैसले की आलोचना की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि देश और प्रदेश में भयंकर रूप से बढ़ती बेरोजगारी और लगातार गिरती अर्थव्यवस्था से प्रदेश के युवाओं का भविष्य खतरे में है जिससे छात्र-युवा हताश और निराश हैं। ऐसे समय में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का नई नियुक्तियों को पहले 5 साल संविदा पर रखे जाने के प्रस्ताव का लाया जाना यूपी के छात्र-छात्राओं और युवा वर्ग के साथ ऐतिहासिक अन्याय जैसा कृत्य है। प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में नए रोजगार सृजन के मामले में पूरी तरह से फेल हो चुकी है।

Tags:    

Similar News