Chandauli News: सूखे की मार से बेहाल किसान सड़क पर उतरे, नेशनल हाइवे जाम कर अफसरों और जनप्रतिनिधियों को कोसा
Chandauli News: यूपी के कई जिले में बाढ़ की तबाही देखने को मिली। वहीं औसत से कम बारिश आधा सैकड़ा जिलों में हुई, सूखे जैसे हालात है। शनिवार चंदौली जिले के दर्जन भर गांव के किसानों ने एसपी आफिस के सामने एनएच-2 की दोनों लेन को जाम करके सड़क पर बैठ गये।
Chandauli News: यूपी के कई जिले में बाढ़ की तबाही देखने को मिली। वहीं औसत से कम बारिश आधा सैकड़ा जिलों में हुई, सूखे जैसे हालात है। शनिवार चंदौली जिले के दर्जन भर गांव के किसानों ने एसपी आफिस के सामने एनएच-2 की दोनों लेन को जाम करके सड़क पर बैठ गये। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर उदासीनता के आरोप लगायें है। जानकारी मिलते मौके पर पहुंचे एसडीएम ने लोगों को समझा- बुझा कर आवागमन खुलवा दिया। आरोप है कि अधिकांश किसान सूखे की मार से परेशान है। जिले के अधिकारी और सत्ता के जनप्रतिनिधि उदासीन है।
सदर ब्लाक के किसानों ने हाइवें जाम करके सूखे के हालातों से अधिकारियों को अवगत कराना चाहा। लेकिन जिले से कोई अधिकारी नहीं पहुंचने से किसानों में आक्रोश बढ़ गया। उन्होंने प्रशासन को संवेदनहीन बताकर खरी खोटी सुनाई।करीब एक घंटे बाद सदर एसडीएम अजय मिश्रा मौके पर पहुंचे। किसानों को समझा-बुझाकर यातायात सुचारु कराया। किसानों ने यह भी बताया कि सदर ब्लाक के एक दर्जन गांव में जिला मुख्यालय के उप केंद्र से बिजली आपूर्ति होती है। करीब एक माह से इन गांव में लो-वोल्टेज की समस्या है। इसे लेकर किसानों में बिजली विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है।
किसान ओमप्रकाश सिंह ने कहा, बिजली विभाग के अधिकारी ने 25 अगस्त तक बिजली आपूर्ति के लिए नए तार और पोल लगाने का दावा किया था। लेकिन हालात यह है कि अभी तक आधा कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। वही फसलों की सिंचाई नहीं होने से किसानों की फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है। उन्होंने कहाकि समस्या से स्थानीय जनप्रतिनिधियों बिजली विभाग के अधिकारियों सहित अन्य अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है। किसानों ने समस्याओं का ज्ञापन एसडीएम अजय मिश्रा को सौपा है। एसडीएम ने ज्ञापन को सक्षम अधिकारियों तक पहुंचाने का भरोसा दिया। इसके बाद किसान हाइवें से हटे तब की आवागमन बहाल हो सका।
बारिश कम होने से अधिकांश जिलों में सूखे जैसे हालात है। पानी के आभाव में धान की रोपाई काफी मात्रा में नहीं हो सकी। वहीं बिजली की समस्या के चलते किसान धान की रोपाई नहीं कर पाये। ऐसे में शासन की ओर से किसानों को राहत भी नहीं मिली है।