UP : बाराबंकी में 5 माह की बच्ची की इलाज के अभाव में मौत मामले में जाँच से पहले ही डॉक्टरों को CMO ने थमाई क्लीन चिट
संयुक्त चिकित्सालय के डॉक्टर आरबी राम ने बताया कि जिस समय यह मरीज लाया गया था उस समय डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव वहां मौजूद थे, उन्होने बच्चे को देखा था। बच्चा छत से गिरा था और अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया था...
जनज्वार, बाराबंकी। उत्तर प्रदेस के बाराबंकी में समय पर इलाज ना मिलने से एक 5 माह की बच्ची ने दम तोड़ दिया था। बच्ची की मौत के बाद पीड़ित परिजनो से मिलने जिलाधिकारी घर गए थे। जिलाधिकारी ने मामले की जाँच के लिए आदेश भी दिया था। लेकिन आपको जानकर हैरत होगी की जाँच टीम ने जाँच शुरू करने से पहले ही डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी है।
बाराबंकी के सीएचसी की इमरजेंसी में इलाज के लिए लाई गई 5 माह की बच्ची की मौत मामले में सोमवार 31 मई तक किसी की भी जिम्मेदारी तय नहीं हो सकी। इससे भी जादा हैरान कर देने वाली बात यह की सुबह साढ़े 11 बजे ही सीएमओ वीकेएस चौहान ने फौरी तौर पर बयान जारी किया जिसमें उन्होने डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी। वहीं दूसरी तरफ गठित कमेटी जाँच की रिपोर्ट ही तैयैर करती रही।
सोमवार 31 मई को सीएमओ वीकेएस चौहान ने अपने दिए बयान में कहा कि 'मामले में संयुक्त चिकित्सालय के डॉक्टर आरबी राम ने बताया कि जिस समय यह मरीज लाया गया था उस समय डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव वहां मौजूद थे, उन्होने बच्चे को देखा था। बच्चा छत से गिरा था और अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया था।
वहीं बच्ची के पिता की माने तो बच्चा छत से नहीं बल्कि तखत से गिरा था। मामले में डीएम बाराबंकी आदर्श सिंह की तरफ से एसडीएम सुरेंद्र पाल शर्मा, एसीएमओ प्रशासन डॉ. सतीश चंद्रा सहित डॉ.केएनएम त्रिपाठी को जाँच के लिए नामित किया गया है। तीनो अफसर दोपहर जांच करने के लिए तो सबसे पहले बच्ची के पिता संदीप शुक्ला से मिलने उसके घर गए।
पिता का बयान लेने के बाद टीम ने डॉ.आरबी राम, सीएचसी के डॉ. संतोष सिंह, ड्यूटी डॉक्टर सहित पैरामेडिकल स्टॉफ से भी बातचीत की। सीसीटीवी फुटेज में संदीप के अस्पताल पहुँचने, परिवार के हंगामें तथा स्टॉफ की गतिविधियों की जानकारी जुटाई गई है। एसडीएम की जाँच रिपोर्ट को छोड़कर डीएम के पास तीन जाँच रिपोर्ट पहुँच गई हैं।