व्यापारी आत्महत्या मामले में कोर्ट ने IPS मणिलाल पाटीदार समेत 3 को घोषित किया भगोड़ा
व्यापारी के भाई ने आरोप लगाया था कि एसपी पाटीदार ने त्रिपाठी से 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी और एक सप्ताह के भीतर रकम न देने पर उसे जान से मारने या जेल भेजने की धमकी दी...
लखनऊ, जनज्वार। लखनऊ के एक कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के तीन निलंबित पुलिसकर्मियों को फरार घोषित कर दिया है। इनमें से एक महोबा का पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार भी है, जो दो महीने पहले एक व्यापारी की आत्महत्या के लिए अपहरण के मामले में वांछित है।
महोबा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार गौतम ने कहा, "एसपी मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव के लिए विशेष अदालत ने यह आदेश तब घोषित किया, जब वे आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत फरार थे।"
गौरतलब है कि 44 साल के इंद्रकांत त्रिपाठी को उनकी कार में 8 सितंबर को गोली लगने के कारण घायल अवस्था में पाया गया था। मरने से कुछ दिन पहले ही व्यापारी ने पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं 13 सितंबर को उनकी मौत हो गई।
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9 सितंबर को पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था और जांच का आदेश दिया गया था।
व्यापारी के भाई ने आरोप लगाया था कि पाटीदार ने त्रिपाठी से 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी और एक सप्ताह के भीतर रकम न देने पर उसे जान से मारने या जेल भेजने की धमकी दी। हालांकि एसआईटी जांच से निष्कर्ष निकला कि त्रिपाठी ने आत्महत्या की थी। घटना के बाद से पाटीदार और अन्य फरार हैं।
गौरतलब है कि यूपी में महोबा के तत्कालीन एसएसपी मणिलाल पाटीदार पर वीडियो वायरल कर रिश्वत मांगने और खुद पर जानलेवा हमला होने की आशंका जताने वाले क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की 13 सितंबर की शाम मौत हो गई थी।
क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने एक वीडियो बनाकर वायरल किया था, जिसमें उन्होंने आईपीएस मणिलाल पाटीदार पर छह लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि एसपी झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं, मुझ पर कभी भी हमला करवा सकते हैं।