Ghaziabad : पुलिस की लापरवाही से हुआ था युवती से गैंगरेप, कविनगर SHO-SI सस्पेंड, पीड़िता 79 दिनों से बेड पर

Ghaziabad : पीड़िता की मां ने एडीजी मेरठ से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा था कि अगर कविनगर पुलिस उनकी बेटी को देर रात में 1 बजे दस्तावेज लाने के लिए मजबूर न करती तो वह दरिंदगी का शिकार न होती।

Update: 2022-06-18 06:15 GMT

Ghaziabad : पुलिस की लापरवाही से हुआ था युवती से सामूहिक, कविनगर SHO-SI सस्पेंड, पीड़िता 79 दिनों से बेड पर

Ghaziabad : यूपी में महिला सुरक्षा के मामलों में सीएम योगी आदित्यनाथ हर रोज नये-नये दावे करते हैं। इस मुद्दे सख्ती के लिए आदेश भी दिए। ताकि कोई कोताही न हो लेकिन गाजियाबाद पुलिस ( Ghaziabad Police ) इसको लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आई। कविनगर थाना ( kavinagar Police Station ) पुलिस की लापरवाही के ऐसे ही एक सनसनीखेज मामले में एसएसपी जी मुनिराज ने एसएचओ और एसआई को सस्पेंड ( SHO-SI suspended) कर दिया है। एसएसपी ने यह कदम विभागीय जांच में आरोप सही पाये जाने के बाद यह फैसला लिया।

यह वाक्या लगभग ढाई माह पूर्व की है। एक ऑटो ड्राइवर ने एक युवती को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप ( Gangrape ) की घटना को अंजाम दिया था। इसी मामले में लापरवाही साबित होने पर एसएसपी जी मुनिराज ने कविनगर थाने के एसएचओ आनंद प्रकाश मिश्र ( SHO Anand Prakash Mishra ) और दरोगा इच्छाराम (Ichcharam ) को सस्पेंड कर दिया है।

क्या है पूरा मामला

कविनगर पुलिस ने 31 मार्च को धोखाधड़ी के एक मामले में लालकुआं निवासी युवक व उसकी मां को हिरासत में लिया था। अपने भाई और मां को छुड़ाने के लिए 22 वर्षीय युवती रात को थाने पहुंची थी। युवती ने धोखाधड़ी के मामले को गलत बताते हुए पुलिस से अपने भाई व मां को छोडऩे की गुहार लगाई थी। आरोप है कि एसएचओ और दरोगा ने देर रात करीब 1 बजे यानि 1 अप्रैल को दोनों को छोडऩे की एवज में युवती से उसके भाई व मां के आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज लाने को कहा। युवती ने दस्तावेज सुबह लेकर आने की बात कही, लेकिन एसएचओ और एसआई ने दस्तावेज न लाने पर दोनों को सुबह जेल भेजने की धमकी दी थी।

मजबूर युवती अपने मां व भाई को छुड़ाने के लिए आधी रात में ही अपने घर पहुंची और वहां से दस्तावेज लेकर कविनगर थाने के लिए चल दी। रास्ते में उसने एक ऑटो पकड़ा। देर रात करीब डेढ़ बजे युवती को अकेला देख चालक उसे कविनगर थाने की बजाए दादरी की तरफ ले गया। वहां उसने अपने दो दोस्तों को भी फोनकर बुला लिया। तीनों आरोपियों ने दो दिन तक युवती को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म ( Gangrape ) किया। युवती के मोबाइल की लोकेशन मिलने पर पुलिस ने न सिर्फ उसे बरामद किया बल्कि ऑटो चालक रोहित गुर्जर व उसके साथियों भूपेंद्र व शिवम को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

79 दिनों से बिस्तर पर है पीड़िता

लालकुआं निवासी पीडि़त परिजनों का कहना था कि आरोपियों ने 1 अप्रैल की रात को उनकी बेटी के साथ वहशियाना अंदाज में दरिंदगी को अंजाम दिया। पहले तो सुनसान इलाके में उसके साथ गैंगरेप ( Ghaziabad gangrape ) किया और फिर एक आरोपी की बहन के घर ले जाकर भी उसके साथ दरिंदगी की। दरिंदगी का आलम यह हुआ कि पीडि़ता के मूत्र और शौच का रास्ता एक हो गया। पीड़िता को लगभग एक माह तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। परिजनों ने पुलिस को बताया कि पीडि़ता की हालत में सुधार लाने के लिए डाक्टरों को बारी-बारी से कई ऑपरेशन करने पड़े। इसके बावजूद पीडि़ता घर में बिस्तर पर पड़ी हुई है।

ADG से लगाई थी न्याय की गुहार

कविनगर थाना क्षेत्र में लालकुआं निवासी पीड़ि़त की मां और अन्य परिजनों ने कविनगर पुलिस को घटना का जिम्मेदार बताते हुए जिले के पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन जिम्मेदारों पर कार्रवाई का भरोसा देने के अलावा कुछ नहीं किया गया। जिले के अधिकारियों से न्याय न मिलता देख परिजनों ने एडीजी मेरठ से न्याय की गुहार लगाई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर कविनगर पुलिस उनकी बेटी को देर रात में 1 बजे दस्तावेज लाने के लिए मजबूर न करती तो वह दरिंदगी का शिकार न होती। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी ने हापुड़ पुलिस को जांच सौंपी थी। हापुड़ पुलिस की जांच में कविनगर एसएचओ आनंद प्रकाश मिश्र और दरोगा इच्छाराम दोषी पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी मुनिराज जी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया।

ये है SSP का बयान

गाजियाबाद के एसएसपी जी मुनिराज का कहना है कि गैंगरेप के मामले में कविनगर पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। एडीजी ने आरोपों की जांच हापुड़ पुलिस को सौंपी थी। जांच में दोषी पाए जाने पर कविनगर एसएचओ तथा दरोगा को सस्पेंड किया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं।

20 दिन में 2 बार सस्पेंड हुआ दरोगा

कविनगर थाने में तैनात दरोगा गुडवीर सिंह को 20 दिन में दो बार निलंबित किया गया है। पहला मामला मॉडल के साथ दुष्कर्म का था। उसमें गुडवीर पर धारा में खेल करने का आरोप लगा था। दुष्कर्म की धारा हटाकर केस धोखाधड़ी की धारा में तरमीम कर दिया था। मॉडल की शिकायत पर कार्रवाई हुई थी। गुडवीर युवती के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में विवेचना अधिकारी था। निलंबित होने पर विवेचना इच्छाराम को दे दी गई। अब इस केस में जांच होने पर उसे फिर से निलंबित किया गया है।

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