Gyanvapi Mandir-Mosque Case : सिविल जज ने ज्ञानवापी मामले को किया फास्ट ट्रैक कोर्ट के हवाले, हिंदू पक्ष की मांग - 'तत्काल पूजा की दें इजाजत'

Gyanvapi Mandir-Mosque Case : वाराणसी सिविल कोर्ट जज रवि दिवाकर ने ज्ञानवापी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के हवाले कर दिया हैं अब इससे जुड़े मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश करेंगे।

Update: 2022-05-25 09:45 GMT

Gyanvapi Mosque Row : ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, हिंदू पक्ष के हक में आया फैसला, कोर्ट ने कहा - मामला सुनने योग्य

Gyanvapi Mandir-Mosque Case : बनारस ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में बुधवार को नया मोड़ आ गया। वाराणसी सिविल कोर्ट ( Varanasi Civil Court Judge ) जज रवि दिवाकर ने ज्ञानवापी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट ( Fast Track Court ) के हवाले कर दिया हैं अब इससे जुड़े मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश करेंगे। सिविल जज रवि ने अगामी सुनवाई की तारीख 30 मई मुकर्रर की है। अब इस मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय करेंगे।

ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद मामले (  Gyanvapi Mandir-Mosque Case ) की सुनवाई अब फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश करेंगे। किरण सिंह विशेन ने याचिका में इस मुकदमे में कोर्ट से तीन बिंदुओं पर कार्रवाई की मांग की थी। पहला बिंदु ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोका जाए। दूसरा बिंदु ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपा जाए। तीसरा बिंदु ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव के पूजा पाठ शुरू की जाए।

कौन हैं ​किरण सिंह विशेन?

दरअसल, भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के लिए दाखिल यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह विशेन की ओर से दाखिल किया गया है। विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह गोंडा जिले की बीरपुर बिसेन की निवासी हैं।

Gyanvapi Mandir-Mosque Case : बता दें कि बनारस सिविल कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद में तीन दिन तक सर्वे और वीडियोग्राफी करवाई गई थी। अदालत द्वारा नियुक्त कमिश्नरों ने सर्वे रिपोर्ट और वीडियो कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत कर दिए थे। हिंदू पक्ष का दावा था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया था। इस मामले को लेकर मजिस्द पक्ष के लोग सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे। कोर्ट ने कथित शिवलिंग को सुरक्षित रखने और वजूखाने को बंद करने के साथ ही वजू के लिए कोई अन्य जगह निर्धारित करने का आदेश भी दिया था। साथ ही इस मामले की सुनवाई बनारस जिला जज को करने का निर्देश दिया था। 


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