जौनपुर के कोतवाल का अपराधी के साथ सांठगांठ का ऑडियो वायरल होने से मचा हड़कंप, जांच का आदेश
डीएम ने पीके यादव को जिला बदर घोषित किया उसके बाद केराकत कोतवाली प्रभारी विनय प्रकाश सिंह ने पीके यादव को फोन किया और उससे ऐसे बात किया जैसे किसी विशेष सम्मानित व्यक्ति से बात कर रहे हों....
संतोष देव गिरि की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो/जौनपुर। कोरोना काल में कहीं पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला है तो कहीं उससे ज्यादा पुलिस का अमानवीय कृत्य भी खुलकर सामने आया है। यूं कहें तो साख पर बट्टा लगाने में अव्वल उत्तर प्रदेश पुलिस के एक पुलिस इंस्पेक्टर की करतूत ने फिर से यूपी पुलिस महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के केराकत कोतवाली से जुड़ा हुआ है। जहां जौनपुर जिले में केराकत कोतवाली के इंस्पेक्टर और जिला बदर अपराधी के बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ है। जिसने पूरे महकमे में हड़कंप मचा दिया है।
ऑडियो में साफ तौर से सुनाई दे रहा है कि कैसे कोतवाल साहब जिला बदर अपराधी को आप-आप बोलकर ना सिर्फ सम्मान दे रहे हैं, बल्कि उसे यह भी सूचना दे रहे है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए गांव में पुलिस पहुंंच चुकी है। इस ऑडियो के वायरल होते ही महकमे में हड़कम्प मच गया है। आनन- फानन में संबंधित द्वारा ऑडियो के जांच के आदेश दे दिए गए है।
बता देंं कि अपराधी को सम्मान देते हुए उसे जिले से बाहर जाने की सूचना देने का ऑडियो हुआ वायरल हुआ है। जिसके बाद जौनपुर पुलिस महकमे की पूरी किरकिरी होती दिख रही है।
पिछले दिनों कानपुर का विकास दुबे कांड तो आप सबको याद होगा। आखिर कैसे विकास दुबे को गिरफ्तार करने जाने वाली पुलिस टीम के बारे में उसे पुलिस विभाग द्वारा मुखबिरी करके सूचना दे दी गई थी। कानपुर में चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी पर मुखबिरी करने का आरोप लगा। विकास दुबे ने पुलिस की मुखबिरी पर ही कई पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया था।
जिसके बाद सवाल उठने लगे थे कि बगैर पुलिस से सांठ-गांठ के अपराधी अपना वर्चस्व नही बना सकता। ठीक वैसा ही उसी तरह का मामला जौनपुर में सामने आया है, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या कानपुर जैसा कांड जौनपुर में भी हो सकता है? जब पुलिस इस तरह अपराधियों से "जी" और "आप" कह कर बात करती है।
ऑडियो वायरल होने के बाद पूरे जौनपुर के पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है। वहीं संबंधित अधिकारी इस मामले की जांच का आदेश देकर पल्ला झाड़ लिए हैं। अब देखना यह है कि इस मामले में किस तरह की पुलिस अपने इंस्पेक्टर पर कार्रवाई करती है।
कानपुर में एसओ विनय तिवारी थे जौनपुर में इंस्पेक्टर विनय प्रकाश सिंह है। केराकत कोतवाली के प्रभारी विनय प्रकाश सिंह और जिला बदर अपराधी पीयूष कांत यादव उर्फ पीके यादव के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ है। यह ऑडियो पंचायत चुनाव के पहले का है।
दरसल डीएम ने पीके यादव को जिला बदर घोषित किया उसके बाद केराकत कोतवाली प्रभारी विनय प्रकाश सिंह ने पीके यादव को फोन किया और उससे ऐसे बात किया जैसे किसी विशेष सम्मानित व्यक्ति से बात कर रहे हों। आप भी सुनिए कि आखिर कैसे केराकत कोतवाल विनय प्रकाश सिंह पूरे पुलिस महकमे की गरिमा को तार - तार करते दिख रहे है।
मामले के बाबत एसपी सिटी ने बताया कि ऑडियो की जांच क्षेत्राधिकारी केराकत को सौंप दी गई है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस के आलाधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दे दिए है और जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं लेकिन इस वायरल ऑडियो ने ये बात एक बार फिर साबित कर दिया है कि अगर पुलिस की सांठ-गांठ न हो तो अपराधी बेखौफ घूमने की बजाय जेल की सलाखों के पीछे होता।