यूपी में किसानों के बाद अब युवाओं ने भरी हुंकार,रोजगार के सवाल पर विधान सभा मार्च का एलान

Lucknow News Hindi: विधान सभा चुनाव को लेकर यूपी की सियासत गरमा गई है। सरकार जनता के नब्ज टटोलते हुए वोटों की गणित के अनुसार वादों का खेल शुरू कर दी है,तो दूसरी तरफ किसान आंदोलन का बड़ा अखाड़ा यूपी बनता जा रहा है।

Update: 2021-11-23 09:12 GMT

जीतेन्द्र उपाध्याय की रिपोर्ट 

Lucknow News Hindi: विधान सभा चुनाव को लेकर यूपी की सियासत गरमा गई है। सरकार जनता के नब्ज टटोलते हुए वोटों की गणित के अनुसार वादों का खेल शुरू कर दी है,तो दूसरी तरफ किसान आंदोलन का बड़ा अखाड़ा यूपी बनता जा रहा है।लखनउ में बड़ी किसान रैली के साथ ही किसान नेताओं ने सरकार को आगाह कर दिया है कि यूपी हमारी संग्रामस्थली बनी रहेगी।इस बीच 23 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से युवाओं ने रोजगार के अधिकार को लेकर हुंकार भरते हुए एक बड़े आंदोलन चलाने का संकेत दिया।जिसके प्रथम चरण में रोजगार अधिकार यात्रा की आज शुरूआत की गई,जो विभिन्न जिलों से होते हुए 2 दिसंबर को विधानसभा मार्च के साथ समाप्त होगी।

गोरखपुर के बेतियाहाता स्थित भगत सिंह चौक से यात्रा की शुरूआत हुई। जिसका उदघाटन करते हुए बिहार विधान सभा के सदस्य व भाकपा माले नेता अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि भाजपा सरकार रोजगार के नाम पर युवाओं को बरगलाने का काम की है। भाजपा की केंद्र से लेकर राज्य तक में मौजूद सरकारों के बावजूद रोजगार के सवाल को न हल कर पाने की स्थिति में अब देश का युवा इन्हें माफ नहीं करेगा। मौजूदा हालात में रोजगार के गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन एक बड़ा शक्ल लेने लगा है। कोरोना काल में बड़ी संख्या में नौकरी छिन जाने के साथ ही सरकार के सभी संस्थानों को निजी हाथों में बेचने के चलते रोजगार एक बड़ा मुददा बन गया है। इस मामले में विफल रही योगी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए किसानों के साथ ही अब छात्र व युवाओं ने मन बना लिया है। सरकार के छात्र-युवा विरोधी कदमों को उजागर करते हुए आम जनता तक एक बड़ी पहलकदमी की ओर बढ़ना होगा।उन्होंने रोजगार अधिकार यात्रा के सफलता का आहवान करते हुए कहा कि आगामी दो दिसंबर को लखनऊ की सड़कों पर उतरकर विधानसभा मार्च को सफल बनाएं।

इसके पूर्व अपने संबोधन में यात्रा की अगुवाई कर रहे इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोजगार के नाम पर मात्र युवाओं को आंकड़ों मंे उलझाना चाहते हैं। प्रदेश में खाली पड़े 25 लाख पदों पर भर्ती करने,रोजगार की गारंटी देने जैसे सवालों समेत 15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन की शुरूआत हुई है।जिसका पहला चरण 2 दिसंबर को विधान सभा मार्च के साथ संपन्न होगा। जिसमें अधिक से अधिक युवाओं की भागीदारी सुनिश्चत करने के लिए हमने रोजगार अधिकार यात्रा की शरूआत की है। यात्रा में शामिल छात्र व युवाओं ने गोरखपुर के सड़कों पर मार्च भी निकाला।जिसमें भाकपा माले गोरखपुर के सचिव राजेश साहनी,महिला संगठन एपवा की गीता पाण्डेय,अधिवक्ता सुभाष पाल ने भी हिस्सा लेते हुए अपना समर्थन जताया।साथ ही छात्र युवाओं के हित में शुरू हुई लड़ाई में समाज के सभी तबके से हिस्सेदार बनने की अपील की।जिससे की विधान सभा मार्च का 2 दिसंबर को किया गया आह्वान सफल साबित हो सके। साथ ही आगामी विधान सभा चुनाव में रोजगार का अधिकार एक बड़ा मुददा बने। जिस पर सभी राजनीतिक दलों को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़े।

गोरखपुर व प्रयागराज से निकल रही रोजगार अधिकार यात्रा

रोजगार अधिकार यात्रा गोरखपुर से निकलकर वाराणसी तक जाएगी। इसके अलावा प्रयागराज से 25 नवंबर से शुरू होकर 28 नवंबर को लखनउ में समाप्त होगी। मथुरा,उरई समेत अन्य कई जिलों में 28 नवंबर से यात्रा शुरू हो रही है।जबकि बस्ती में जिला स्तरीय यात्रा 25 नवंबर से ही निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर से शुरू हुई यात्रा देवरिया,बलिया,मउ,गाजीपुर,चंदौली,सोनभद्र,मिर्जापुर होते हुए 28 नवंबर को वाराणसी में समाप्त होगी।

जिलास्तरीय सम्मेलनों से तैयार हुई आंदोलन की रूपरेखा

छात्र युवा रोजगार अधिकार मोर्चा के आहृवान पर शुरू हुए आंदोलन की रूपरेखा विभिन्न जिलों में आयोजित सम्मेलनों के माध्यम से तय की गई।जिसकी पृष्टभूमि सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर में आयोजित जिलास्तरीय सम्मेलनों में तय की गई। आंदोलन की संगठनात्मक भूमिका में शामिल में सुजीत श्रीवास्तव कहते हैं कि किसान आंदोलन के बाद देश में एक बड़ा छात्र-युवाआंे के आंदोलन की जरूरत समझी जा रही थी। आंदोलन से जुड़े लोगों का मानना है कि किसान मजदूरों के आंदोलनों के साथ छात्र युवाओं की भागीदारी कराए बीना हम अपने व्यापक बदलाव के राजनीतिक समझ को पूरा नहीं कर पाएंगे।इन सभी तबकों को आंदोलन के रास्ते एक दुूसरे की जरूरत के साथ ही ताकत का भी एहसास कराना होगा। इस मकसद से रोजगार के अधिकार,25 लाख बेरोजगारों को नौकरी,शिक्षक भर्ती में पारदर्शिता लाने,रोजगार न मिलने तक दस हजार रूपये बेरोजगारी भता देने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन चलाने का फैसला किया गया।इसके तहत विभिन्न जिलों में सम्मेलन आयोजित की गई। जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों के साथ ही युवाओं की भागीदारी दिखी। छात्र युवाओं के आंदोलन के प्रति दिखे उत्साह व सरकार के प्रति बढ़ता आक्रोश को देखते हुए इसे विस्तारित रूप देने का निर्णय लिया गया। इसी क्रम में रोजगार अधिकार यात्रा निकाली जा रही है,जो 2 दिसंबर को विधान सभा मार्च के साथ समाप्त होगी।

विभिन्न संगठनों का है साझा मंच है यह आंदोलन

छात्र युवा अधिकार मोर्चा में इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अधयक्ष राकेश सिंह,सचिव सुनिल मौर्या के अलावा आॅल इडिया स्टूडेंटस एसोसिएशन,एआईएसफ,डीवाईएएफ के अलावा सभी वामपंथी संगठनों के छात्र व युवा संगठन शामिल हैं। साथ ही अन्य समाजवादी व अंबेडकरवादी तथा सामाजिक संगठन भी आंदोलन में भागीदार बने हैं। आंदोलनकर्ताओं का कहना है कि इस मोर्चे में 25 संगठन शामिल है। इसके अलावा विभिन्न जिलों में समाजवादी छात्र सभा व समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लेकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

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