मोदी की लोकसभा के सभी चिकित्साधिकारियों ने सौंपा इस्तीफा, तानाशाही का लगाया आरोप

वाराणसी पीएचसी में तैनात इन प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों का आरोप है कि सहायक नोडल ऑफिसर की ओर से जारी पत्र में उन्हें कोविड 19 के दौरान किए गए कार्यों को अपर्याप्त बताया गया और सभी को अनावश्यक रूप से दोषी ठहराकर दबाव बनाया जा रहा है.....

Update: 2020-08-13 02:30 GMT

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के शहरी पीएचसी में तैनात प्रभारी अधिकारियों को कोरोना बिमारी की रोकथाम में सही तरह से काम न करने का एक नोटिस सहायक नोडल अधिकारी / डिप्टी कलेक्टर की तरफ से दिया गया। यह पत्र मिलने के बाद 28 प्रभारी चिकत्सा अधिकारियों का सब्र टूट गया और उन लोगों ने सामूहिक रूप से सीएमओ से मिलकर प्रभारी चिकित्सा पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने ये कहा कि प्रभारी पद के अलावा अन्य चिकित्सीय कार्य वे करते रहेंगे।


इस पत्र में लिखा है कि 'अवगत करना है कि 9 अगस्त को सहायक नोडल ऑफिसर/ डि‍प्‍टी कलेक्‍टर द्वारा जारी समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्गत पत्र, जिसमे कोविड 19 के दौरान किए गए कार्यों को अपर्याप्त बताते हुए तथा समस्त प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाते हुए सभी को दोषी ठहराया जाना तथा टारगेट पूरा न होने पर आपराधिक कृत करार देना और मुकदमा दायर करने की धमकी देना इत्यादि के क्रम में हम सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मानसिक दबाव में कार्य करने में असमर्थ हैं।'


चि‍कि‍त्‍सा अधिकारि‍यों ने अपने पत्र में सवाल उठाया है कि अपर चिकित्सा अधिकारी डॉ. जंग बहादुर की किन परिस्थितियों में मौत हुई और इस मौत की ज़िम्मेदारी आखिर कौन लेगा, क्योंकि उन्हें भी धमकी दी गई थी और शायद इस धमकी का सदमा लगने से उनकी मौत हो गई। अतः हम सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अपने प्रभारी पद से त्यागपत्र देते हैं और हम आपके निर्देशानुसार अन्य सभी चिकित्सकीय कार्य करने के लिए तैयार हैं।' प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के इस कदम से प्रशासन के हाथ पांव फिलहाल फूले हैं और उनकी तरफ से अभी इस पर कुछ नहीं कहा गया है। 

बता दें कि यह मामला ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश में अबतक 136238 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। 49347 एक्टिव मामले हैं। 2230 लोगों की मौत इस महामारी से हो चुकी है। हालांकि 84661 लोग ठीक भी हुए हैं। वहीं वाराणसी राज्य का तीसरा सबसे अधिक कोरोना प्रभावित जिला है जहां 2347 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं।

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