बलिया पुलिस का आरोप थाने में दलित युवक की पिटाई की खबर गलत, 60 पर मुकदमा दर्ज और 15 गिरफ्तार

जनज्वार से हुई बातचीत में डीआईजी ने बताया, ग्राम पंचायत के चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने के लिए पन्ना लाल की पीठ पर प्याज और हल्दी का लेप लगाकर बेहोश बता सुनियोजित ढंग से किया गया था बवाल...

Update: 2020-09-05 11:34 GMT

पुलिस का आरोप ग्रामीणों ने साजिशन युवक की पीठ पर हल्दी लगाकर किया था थाने में पुलिस प्रताड़ना में मिले जख्मों का बहाना

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित रसड़ा में जिस पन्ना लाल की पिटाई को लेकर बवाल हुआ था, उस बारे में पुलिस का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट का एक निशान तक नहीं निकला है। वृहस्पतिवार 3 सितंबर को रसड़ा के ग्रामीड़ों ने युवक की थाने में पिटाई का आरोप लगाकर जमकर हंगामा व पथराव किया था। इस हुए हंगामे में एक एएसपी समेत 9 पुलिसवाले घायल हुए थे। मेडिकल परीक्षण में पन्नालाल के शरीर पर एक भी चोट का निशान नहीं होने की पुष्टि पुलिस द्वारा की जा रही है।

डीआईजी आजमगढ़ सुभाष चन्द्र दुबे ने जनज्वार संवाददाता से हुई बातचीत में कहा कि जाम लगने के दौरान जब पथराव शुरू हुआ था, तब मरणासन्न व बेहोश बताया जा रहा पन्नालाल ठेले से गायब हो गया था। खोजबीन की गई तो वह पड़ोसी के घर मिला था। इसके बाद पुलिस ने पन्ना का दो बार मेडिकल कराया, लेकिन उसके शरीर पर खरोंच तक के निशान नहीं मिले।

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डीआईजी ने बताया कि ग्राम पंचायत के चुनाव में राजनीतिक लाभ उठाने के लिए पन्ना लाल की पीठ पर प्याज और हल्दी का लेप लगाकर बेहोश बता सुनियोजित ढंग से बवाल किया गया। उपनिरीक्षक प्रमोद कुमार की तहरीर पर 46 नामजद तथा 60 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद अभी तक बलिया पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में ले लिया है। डीआईजी का कहना है कि पुलिस की पिटाई से किसी भी तरह की चोट युवक को नहीं लगी है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ गैंग्सटर ऐक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि गुरुवार 3 सितंबर को रसड़ा के कोटवारी मोड़ पर जाम लगाए लोगों का आरोप था कि रसड़ा दक्षिणी पुलिस चौकी के प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार सहित दीवान राजबली यादव ने पन्ना राजभर को पुलिस चौकी ले जाकर बेरहमी से पीटा था। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में छोड़कर भाग गए थे। इस घटना के बाद लोगों ने पन्ना राजभर को ठेले में लिटाकर सड़क जाम किया और खूब बवाल काटा था। जाम खुलवाने पहुँची पुलिस पर पथराव किया गया था, जिस पर पुलिस ने भी लाठियां भांजी थीं।

इस घटना की एक क्लिप कल शुक्रवार 4 सितंबर को वायरल हुई थी, जिसमें बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एएसपी संजय कुमार एके-47 के साथ मोर्चा संभाले दिखाई दे रहे हैं। संजय कुमार का कहना है कि वह घटना से अंजान थे, मौके पर पहुँचे तो वहाँ पथराव हो रहा था। उन्हें लगा कि पुलिस चौकी में कोई सिपाही न फंसा हो तो वह हेलमेट पहनते हुए चौकी की तरफ दौड़े। हाथ में पत्थर लगने से हेलमेट छूटकर गिर गया। वह जब तक संभलते तब तक दूसरा पत्थर सिर पर लगा। तब उन्होंने बंदूक निकालकर हमलावरों को खदेड़ा था।

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