UP : ओपी राजभर की अखिलेश यादव को नसीहत, उपचुनाव में हार से सबक ले AC से निकलें बाहर
UP : सपा के लिए आजमगढ़ और रामपुर सीट पर हार सामान्य सियासी घटना नहीं है। आजम खान की वजह से दोनों सीट सपा के लिए अभेद्य दुर्ग रहा है। इस बार वो भी ढह गया।
UP : उत्तर प्रदेश ( Uttar pradesh ) की आजमगढ़ ( Azamgarh ) और रामपुर ( Rampur ) लोकसभा उपचुनाव ( Lok Sabha by election )में समाजवादी पार्टी की शर्मनाक हार के बाद सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ( OP Rajbhar ) ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि लोकसभा उपचुनाव परिणाम से सबक लेते हुए अखिलेश यादव एसी कमरे से बाहर निकलें। एसी कमरा उनकी कमजोरी है। संगठन को मजबूत करना जरूरी है। राजभर ने दोनों सीटों पर हार के लिए अखिलेश यादव पर जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा की तरह संगठन को करें मजबूत
ओपी राजभर ( OP Rajbhar ) ने अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) को आडे़ हाथों लेते हुए विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा उपचुनाव में भी नामांकन के अंतिम दिन प्रत्याशी बदल दिए। अखिलेश यादव को आगे की राजनीति के लिए भाजपा की तरह घर से निकल कर पार्टी संगठन को मजबूत करना होगा। यदि वह निकले होते तो आजमगढ़ में इतने कम मतों से हार नहीं देखनी पड़ती। वह अपनी पार्टी के 324 लोगों के साथ लगातार आजमगढ़ में जमे रहे, यदि उन्होंने 12 दिन समय नहीं दिया होता तो आजमगढ़ में लाखों वोटों से हार का मुंह देखना पड़ता। 2022 के विधानसभा चुनाव की हार से अखिलेश यादव ने कोई सीख नहीं ली। उपचुनाव में वह वातानुकूलित कमरे से बाहर नहीं निकले।
भाजपा-बसपा गठजोड़ की दे दी थी सूचना
ओम प्रकाश राजभर ( OP Rajbhar ) ने अखिलेश यादव ( Akhilesh yadav ) को पहले दिन ही बता दिया था कि उपचुनाव में भाजपा-बसपा गठजोड़ है। रामपुर में बसपा ने प्रत्याशी नहीं दिया। भाजपा के दबाव में आजमगढ़ में पार्टी से निकाले गए नेता को बुलाकर बसपा ने प्रत्याशी बना दिया। यह स्थिति देख अखिलेश यादव को सावधान हो जाना चाहिए था। वह जल्द ही अखिलेश यादव से मुलाकात कर उन्हें क्षेत्र में निकलने और पार्टी संगठन को मजबूत करने की सलाह देंगे।
बता दें कि आजम खान ( Azam Khan ) का गढ़ कहा जाने वाला रामपुर और सपा का गढ आज़मगढ़ दोनों जगह लोकसभा उपचुनाव में सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। सपा के लिए दोनों सीटों पर हार सामान्य सियासी घटना नहीं है। दोनों सीट सपा के लिए आजम खान की वजह से अभेद्य दुर्ग रहा है। इस बार वो किला भी ढह गया। यह अखिलेश के लिए चिंतन का समय है।