उंभा कांड के पहले बरसी पर परिजनों से मिलने जा रहे अजय कुमार लल्लू को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं की एक टोली गुरुवार को बनारस से सोनभद्र के उंभा गांव जा रही थी, 12 बजे वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर फतेहपुर टोल प्लाजा पर उन्हें रोक दिया गया, इसके बाद आक्रोशित कार्यकर्ता और नेता धरने पर बैठ गए....

Update: 2020-07-16 13:11 GMT

पवन जायसवाल की रिपोर्ट

सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में उंभा कांड की पहली बरसी पर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता पीड़ितों से मिलने के लिए जा ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें भदोही में गिरफ्तार कर लिया। यूपी के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भदोही से गिरफ्तार किया गया जबकि सोनभद्र के कार्यकर्ताओं को नोटिस थमा दिया गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन के दस्ते ने घर पर अघोषित नज़रबंदी जैसे कर रखी है, उत्तर प्रदेश की सरकार पुलिस के बल पर गुंडागर्दी कर रही हैं।

धरने पर बैठे कांग्रेस के पूर्व सांसद

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं की एक टोली गुरुवार को बनारस से सोनभद्र के उंभा गांव जा रही थी, लगभग 12 बजे वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर फतेहपुर टोल प्लाजा पर उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद आक्रोशित कार्यकर्ता और नेता धरने पर बैठ गए। काफी जद्दोजहद के बाद उप जिलाधिकारी चुनार के समक्ष दाखिल जातीय मुचलके के बाद गिरफ्तार नेताओं और कार्यकर्ताओं को वापस भेज दिया गया।   

पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा और  पूर्व मंत्री अजय राय की अगुवाई में कुछ कांग्रेसी नेताओं की एक टीम गुरुवार को उंभा गांव में विगत वर्ष हुए नरसंहार के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे ताकि यह जाना जा सके कि पीड़ित जनता को शासन की ओर से की गई घोषणाएं कहां तक पहुंची हैं, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया। फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. राजेश मिश्रा और अजय राय को गिरफ्तार कर लिया गया। 

इसके बाद कांग्रेस नेता विश्वविजय सिंह, प्रदेश महासचिव देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना, प्रदेश सचिव राजेश्वर पटेल, वाराणसी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष राघवेंद्र चतुर्वेदी, वाराणसी कांग्रेस कमेटी (शहर) के अध्यक्ष शिव कुमार सिंह, मिर्जापुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बृजेश कुमार द्विवेदी, जिला सेवादल उपाध्यक्ष सुनीता देवी, मंजू देवी समेत तमाम नेता और कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।  

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धरने पर बैठे नेता और कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारे  लगाने लगे। वक्ताओं ने कहा कि यह निकम्मी सरकार पीड़ितों से मिलने भी नहीं जाने दे रही है, इसका मतलब वहां अब तक कुछ नहीं किया गया है। प्रदर्शनकारी सोनभद्र जाने की जिद पर अड़े थे और प्रशासन किसी कीमत पर उन्हें जाने नहीं दे रही थी। 

सूचना पर चुनार के क्षेत्राधिकारी सुशील कुमार यादव और परगना अधिकारी मौके पर पहुंचे जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर 2 घंटे बाद निजी मुचलके पर रिहा कर वापस भेजा। सुरक्षा में अदलहट थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव व पांच थानों की पुलिस बल और पीएसी के जवान लगे हुए थे।

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