Uttarakhand News : उत्तराखंड के सहकारी बैंकों में करोड़ों के घोटाले, परिवर्तन पार्टी ने दिया धरना
धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश का सहकारी विभाग घपलों घोटालों का पर्याय बन गया है जिसके लिए प्रदेश के सहकारिता मंत्री को नैतिकता के आधार पर तत्काल पदमुक्त हो जाना चाहिए।
Uttarakhand News : उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (Uttarakhand Parivartan Party) ने प्रदेश में प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) में करोड़ों रुपए के घोटालों का दावा किया है। पार्टी ने इसकी उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग को लेकर जिला सहकारी बैंक (District Sahkari Bank) परिसर में धरना - प्रदर्शन किया।
इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी.तिवारी ने कहा कि प्रदेश की डबल इंजन सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में 758 पैक्स में कमप्यूटराइजेशन (Computerisation in PACS) के नाम पर लाखों अंशधारकों को अंधेरे में रखकर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है, जिसकी सच्चाई जनता तक पहुंचाना आवश्यक है।
धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश का सहकारी विभाग घपलों घोटालों का पर्याय बन गया है जिसके लिए प्रदेश के सहकारिता मंत्री को नैतिकता के आधार पर तत्काल पदमुक्त हो जाना चाहिए।
जिला सहकारी बैंक के परिसर में आयोजित इस धरने में प्रदेश सरकार के खिलाफ नारों जनगीतों के साथ प्रदर्शन करते हुए कहा कि सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग में हर स्तर पर भ्रष्टाचार, मनमानी और जबरदस्ती की जा रही है।
वक्ताओं ने कहा कि कमप्यूटराइजेशन के नाम हर पैक्स से अंशधारकों का 2 लाख 80 हजार रुपया व शेष धन जिला सहकारी बैंकों से जोर जबरदस्ती करके 5 लाख 60 हज़ार रुपए में मात्र एक कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया है। इस योजना के बारे में पूरे प्रदेश को अंधेरे में रखा गया है। इससे सहकारी समितियों सहकारी विभाग के कर्मचारियों में भी काफ़ी आक्रोश है।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि समितियों में काम कर रहे प्रभारी सचिवों को नियमित करने के नाम पर भी धनवसूली की कोशिशें हो रही हैं, और एक वर्ष से कार्य कर रहे सैकड़ों युवाओं को उनका वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। जबकि जनता के करोड़ों रुपए की कमाई की निर्मम लूट हो रही है।
उपपा नेताओं ने कहा कि सहकारी बैंक में अज्ञात कारणों से सॉफ्टवेयर बदलकर कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि बैंक कर्मचारी, बैंक के पुराने अधिकारियों ने बैंकों के हित में ऐसा न करने का लिखित अनुरोध किया है। जिसकी सरकार सुनवाई नहीं कर रही है।
धरने के दौरान सहकारी बैंक के अधिकारियों व पुलिस के साथ धरने को लेकर कहासुनी भी हुई। उपपा नेताओं ने कहा कि यदि सहकारी बैंकों में घोटाला है तो उनके खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना उनका अधिकार है।
उपपा ने कहा कि इस पूरे मामले में प्राथमिक सहकारी समितियों, अंशधारकों, पदाधिकारियों व सहकारिता से जुड़े हर व्यक्ति को आवाज उठा कर सहकारिता में हो रही इस लूट का विरोध करना चाहिए।
उपपा ने कहा कि जीरो टॉलरेंस का वायदा करने वाली भाजपा घपलों - घोटालों की पर्याय बन गई है जिसके खिलाफ उपपा जनता के साथ मिलकर लम्बी लड़ाई शुरू करेगी व घोटालेबाजों व घोटालों का पर्दाफाश करेगी।
धरने में उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा, भारती पांडे, धीरेंद्र मोहन पंत, राजू गिरी, दीपांशु पांडे, हीरा देवी, किरन आर्या, गोपाल राम, प्रयाग दत्त बहुगुणा, मंजू सिंह, हरीश चंद्र आर्या, दिवान सिंह, सरिता मेहरा, चंपा सुयाल, मो. वसीम, भावना मनकोटी, हेम पांडे, नरेंद्र सिंह, एडवोकेट नारायण राम, कमला देवी, पुष्पा देवी, राजेंद्र सिंह राणा आदि लोग शामिल थे।