कांग्रेस कार्यकर्ता ने BJP विधायक के SCAM की खबर का लिंक किया शेयर किया तो पुलिस ने ठूंसा हवालात में

खबर के प्रकाशन के बाद लाल इमली पड़ाव निवासी रूपेश सक्सेना ने इस खबर का लिंक अपनी फेसबुक वाल पर शेयर कर दिया। रूपेश कांग्रेस पार्टी का IT सेल कार्यकर्ता भी है....

Update: 2021-09-14 14:48 GMT

(इमली पड़ाव निवासी रूपेश सक्सेना ने अपनी वॉल पर शेयर किया न्यूज लिंक तो हवालात में डाला)

सलीम मलिक की रिपोर्ट

चम्पावत। उत्तराखण्ड (Uttarakhand) की 'मित्र पुलिस' को यूँ तो कई काम रहते हैं। लेकिन उसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधयकों की छवि का विशेष ध्यान रहता है। विधायकों के भ्रष्टाचार को तो पुलिस क्या ही रोक पाती है, उसका जोर इस बात पर हो जाता है कि उनके इन कारनामों की खबर लोगों तक न पहुंचे। चम्पावत (Champawat) पुलिस ने ऐसा ही कारनामा करते हुए एक युवक को कोतवाली बुलाकर उसके साथ मारपीट करते हुए केवल इस बात के लिए कोतवाली में ठूंस दिया कि उसने भाजपा विधायक के कारनामों का पर्दाफाश करती एक खबर का लिंक अपनी फेसबुक वाल पर शेयर कर दिया था।

दरअसल हल्द्वानी के एक पत्रकार (Journalist) संजय रावत (Sanjay Rawat) ने टनकपुर विधायक कैलाश गहतोड़ी पर एक खबर लिखते हुए विधायक निधि से बनी एक सड़क के घपले का पर्दाफाश किया था। स्वीकृत नक्शे से छेड़छाड़ कर बनायी गयी इस सड़क के लिए नियम विरुद्ध काटे गये पेड़ों के मामले में वन-विभाग ने पीएमजीएसवाई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है।

प्रकाशित खबर के अनुसार चम्पावत जनपद में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत टकनागोठ-डांडा मल्ला मोटर मार्ग के लिए 9.14 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित हुई इस भूमि पर सड़क बनाने वाली कंपनी एसकेटी बिल्डकॉन चंपावत के भाजपा विधायक कैलाश गहतोड़ी की ही बताई जा रही है जो उनके किसी रिश्तेदार (सम्भवतः पत्नी) के नाम है। कुल मिलाकर एक तरह से यह कंपनी विधायक गहतोड़ी की मुखौटा कंपनी है। विधायक की शह पर संस्था ने 37 पेड़ अवैध रूप से काट दिए। जिस पर वन विकास निगम पर जुर्माना भी लगाया गया है।

वन संरक्षण के नोडल अधिकारी डॉ. कपिल जोशी ने केंद्रीय मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा है कि स्वीकृत नक्शे से हटकर 12 किमी सड़क बनाई गई है तथा बिना छपान किए पेड़ों को अवैध ढंग से उखाड़ा है जो सैद्धांतिक स्वीकृति और वन संरक्षण अधिनियम-1980 का उल्लंघन है। बताया जा रहा है कि विधायक कार्यवाही से बचने के लिए डीएफओ, एसडीओ और रेंजर के तबादला करने की मुहिम में लगे हैं।

इसी खबर के प्रकाशन के बाद लाल इमली पड़ाव निवासी रूपेश सक्सेना ने इस खबर का लिंक अपनी फेसबुक वाल पर शेयर कर दिया। रूपेश कांग्रेस पार्टी का आई सेल कार्यकर्ता भी है। जिसका पहले ही एक पोस्ट को लेकर किसी भाजपा कार्यकर्ता से विवाद चल रहा था। खबर का लिंक शेयर करने के बाद रूपेश को टनकपुर कोतवाली प्रभारी जसवीर सिंह चौहान ने कोतवाली तलब कर लिया। पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ता के साथ हुए विवाद में रूपेश से माफीनामा लिखवाने के साथ ही उसका 81 पुलिस एक्ट में चालान कर उसे लिंक ​डिलीट करने की हिदायत दी थी।

रूपेश ने विवादित पोस्ट डिलीट कर दी। लेकिन विधायक की खबर वाली पोस्ट यथावत रहने दी। जिस पर पुलिस ने उसे फिर से थाने बुलाकर उसके साथ मारपीट करते हुए उसे हवालात में ठूंस दिया। अपने कार्यकर्ता की पुलिस के हाथों दुर्गति देख भड़के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल के साथ थाने में धरना दिया तो सकपकाई पुलिस को दबाव में कार्यकर्ता को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

थानाध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान ने बताया कि रूपेश सक्सेना ने सोशल मीडिया में वर्तमान विधायक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। इसके बाद पुलिस द्वारा उसे कोतवाली बुलाकर 81 पुलिस एक्ट में चालान करने के बाद छोड़ दिया गया।

इस मामले में पीड़ित कार्यकर्ता रूपेश सक्सेना ने बताया कि कोतवाली में पुलिस लगातार उनसे विधायक की खबर का लिंक डिलीट करने को लेकर धमकाने में लगी थी। थानाध्यक्ष के कहने पर पुलिसकर्मियों ने मेरे साथ मारपीट कर मुझे हवालात में डाल दिया।

पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ता ने केवल खबर का लिंक शेयर किया है। यह राजनीतिक आरोप है। ऐसे में पुलिस कार्यवाही का क्या मतलब है। उन्होंने खबर से जुड़े तथ्यों की सीबीआई जांच कराने की मांग उठाई है। कहा है कि इससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।

इधर जानकारी मिली है कि खबर प्रकाशन के बाद विधायक पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि खबर लिखने वाले पत्रकार संजय रावत का कहना है कि उनके पास विधायक की करतूतों का पूरा लेखा-जोखा है। उनके द्वारा साढ़े चार साल की अवधि में विधायक निधि से कराये गये सभी कामों की जानकारी जुटायी जा रही है। सभी का खुलासा आने वाली खबरों में जल्द रखा जायेगा।

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