Uttarakhand Rain Alert : उत्तराखंड के बारिश अलर्ट को हल्के में लेना पड़ सकता है भारी, हिमाचल के किन्नौर ने फटे बादल ने मचायी तबाही
Uttarakhand Rain Alert : उत्तराखण्ड के पड़ोसी राज्य हिमाचल में बादल फटने के बाद करीब 8 नालों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई, वहीं ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गई,बाढ़ आने से कई वाहन मलबे में दबने की भी खबर है...
Uttarakhand Rain Alert : राज्य के मौसम विभाग द्वारा जारी अगले चार दिन तक भारी बरसात के अलर्ट को हल्के में लेना मुसीबत का सबब बन सकता है। हिमालयी राज्यों में इस सप्ताह मानसून कहर बरपा सकता है। सोमवार 18 जुलाई को पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बदल फटने की घटना ने इसके संकेत दे दिए हैं। देर रात करीब साढ़े नौ बजे किन्नौर जिले में हुई बादल फटने की घटना से ग्रामीणों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान झेलना पड़ा है। उनके घरों, वाहनों को नुकसान पहुंचाने के अलावा खेतों की नकदी फसलों को बाढ़ ने नष्ट कर दिया है।
बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने इतनी तेज बारिश पहले कभी नहीं झेली। जानकारी के मुताबिक बाढ़ का मलबा ग्रामीणों के खेत खलियानों में घुस गया, जिससे उनकी फसलें नष्ट होने के साथ साथ और भी कई तरीके का नुकसान हुआ है। कई ग्रामीणों के खेत तक बह गये। कई गांवों में घरों, हाईवे व सीमा सड़क संगठन के बैरकों में पानी चला गया और दर्जनों वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक किन्नौर में बाढ़ से मची तबाही के कारण शलखर-चांगो के बीच सड़क मार्ग से यातायात लगभग 20 घंटे तक प्रभावित रहा। स्थानीय मीडिया के मुताबिक सोमवार 18 जुलाई की शाम को तेज बारिश का पानी और बाढ़ का मलबा किन्नौर जनपद के शलखर गांव के कई ग्रामीणों के खेतों को अपने साथ बहा ले गया। ग्रामीणों की सेब, राजमा और कई अन्य नकदी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर तो बाढ़ का मलबा 4-4 फीट तक भर गया था।
शलखर गांव से थोड़ी दूरी पर स्थित चांगो क्षेत्र में भी तेज बारिश के कारण गांव के साथ लगते नाले में काफी जलस्तर बढ़ गया था। इससे खार्गो गोंपा को जाने वाला फुट ब्रिज भी बाढ़ में बह गया। शलखर गांव में मची तबाही के बाद कई ग्रामीण पूरी रात सुरक्षित स्थानों में शरण लेने को तक मजबूर हुए।
हिमाचल के किन्नौर जिले में यह बादल सोमवार 18 जुलाई की देर शाम पूह खंड की शलखर पंचायत में फटा है। बादल फटने के बाद करीब आठ नालों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई, वहीं ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि बाढ़ आने से कई वाहन मलबे में दबने की भी खबर है। बादल फटने की इस घटना के बाद मौके पर अफरातफरी का माहौल है। लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए हैं। बादल फटने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार किन्नौर जिले में दोपहर से ही भारी बारिश का दौर जारी था। इसकी पूर्व घोषणा राज्य का मौसम विभाग भी कर चुका था। इसी बरसात के दौरान शाम के समय अचानक से ऊपरी क्षेत्र में बादल फट गया, जिससे गोतांग क्षेत्र से निकलने वाले पकते नाला, ढूनाला, देनानाला, बस स्टैंड नाला, शारंग नाला, मूर्तिक्यू नाला, गीप और गौतांग नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ के चलते शलखर गांव में चारों तरफ पानी घुस गया। इससे मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया। बादल फटने के बाद पानी का तेज बहाव सड़कों पर आ पहुंचा, जिसने सड़क पर खड़े कई वाहनों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
सड़कों और घरों में भी पानी घुसने से लोगों को काफी नुकसान हुआ है। इस इलाके में देर रात तक भारी बारिश जारी है, जिससे लोग बुरी तरह से डरे हुए हैं। चारों तरफ बाढ़ का पानी बढ़ने से लोग सुरक्षित स्थानों को भी नहीं जा पा रहे हैं। पानी बढ़ने से पहले ही जो लोग सुरक्षित स्थानों को निकल गए वह सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं।
हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड के मौसम विभाग ने भी मंगलवार 19 जुलाई से अगले चार दिन राज्य में भारी से अधिक बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट की गंभीरता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। आपदा के मद्देनजर सभी जिलों के जिलाधिकारियों को मोबाइल मोड पर रहने की हिदायत जारी हो चुकी है। संभावित भूस्खलन की वजह से बंद होने वाली सड़कों को खोलने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में पीडब्लूडी की ओर से पर्याप्त संख्या में जेसीबी और पोकलैंड मशीनों की व्यवस्था भी की जा चुकी है।