FIR against Vipin Karnwal: RSS पदाधिकारी विपिन कर्णवाल पर मुकदमा दर्ज, अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर की थी अभद्र टिप्पणी

FIR against Vipin Karnwal: देश दुनिया को शर्मसार कर देने वाले उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय देकर काम पिपासु एंगल तलाशने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लंपट नेता के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भारी जनदबाव के बाद मजबूरी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

Update: 2022-09-28 18:07 GMT

FIR against Vipin Karnwal: RSS पदाधिकारी विपिन कर्णवाल पर मुकदमा दर्ज, अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद सोशल मीडिया पर की थी अभद्र टिप्पणी

FIR against Vipin Karnwal:  देश दुनिया को शर्मसार कर देने वाले उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय देकर काम पिपासु एंगल तलाशने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लंपट नेता के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भारी जनदबाव के बाद मजबूरी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रायवाला निवासी इस नेता विपिन कर्णवाल के खिलाफ पुलिस ने यह मुकदमा भारतीय दण्ड संहिता व आईटी एक्ट की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।


बता दे कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक के इस नेता ने अपनी कुत्सित विचारधारा के चलते देश भर में क्षोभ का विषय बने अंकिता हत्याकांड पर एक फेसबुक पोस्ट करते हुए इसे पीड़ित परिवार की गलती बताते हुए इसका ठीकरा मृतका के परिवार पर ही फोड़ने की कोशिश की थी। इस विकृत मनोरोगी ने मृतका अंकिता के प्रति "कच्चा दूध" जैसे अशोभनीय शब्दों के प्रयोग करते हुए यह टिप्पणी की थी। विपिन की इस टिप्पणी ने अंकिता हयताकांड की वजह से पहले से आहत लोगों की भावनाओं पर आग पर पेट्रोल का काम किया। गुस्साए लोग इस आदमी के घर और वन विभाग की जमीन घेरकर बनाए इसके होटल पर प्रदर्शन करने पर आमादा थे। लेकिन गुस्साए लोगों द्वारा इन स्थानों पर आवेश में आकर संभावित तोड़फोड़ व आगजनी की आशंका की वजह से समझदार लोगों ने इस कार्यक्रम को नहीं होने दिया।

जिसके बाद अंकिता भंडारी के पारिवारिक सदस्यों को टारगेट कर अपने फेसबुक के माध्यम से अपमानित अमर्यादित टिप्पणी करने वाले आरएसएस के नेता रायवाला निवासी विपिन कर्णवाल के खिलाफ तहरीर देने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं करने पर बुधवार को रायवाला थाने का घेराव किया गया। घेराव में क्षेत्र के सैकड़ों जनप्रतिनिधि व मातृशक्ति ने प्रतिभाग किया और विपिन कर्णवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर 3 घंटे तक रायवाला थाने का घेराव किया। इस दौरान पुलिस प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच में तीखी झड़पें हुई, लेकिन आंदोलनकारी अमर्यादित बयान देने वाले विपिन कर्णवाल के ऊपर मुकदमा दर्ज व उसकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।

करीब चार घंटे थाने के घेराव के बाद बमुश्किल पुलिस क्षेत्राधिकारी व शहर कोतवाल ने मजबूरी में आंदोलनरत लोगों की मुकदमा दर्ज करने की मांग को माना। बाद में विपिन कर्णवाल के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153A, 505 (2), 509 व आईटी एक्ट की धारा 66 जैसी गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।


मुकदमा दर्ज करने के बाद एफआईआर की कॉपी शिकायतकर्ता उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस गरीब बेघर जन प्रकोष्ठ के संयोजक विजय पाल सिंह रावत को सौंप दी गई है। मुकदमा दर्ज होने के बाद शिकायतकर्ता विजय पाल सिंह रावत ने कहा कि विपिन कर्णवाल जैसे समाज में वैमनस्य फैलाने वाले विकृत मानसिक रोगी क्षेत्र में रहने योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपिन कर्णवाल द्वारा वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाई गई हवेली रेस्टोरेंट के संदर्भ में कल उप जिलाधिकारी ऋषिकेश से प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात कर जांच करवाई जाएगी और बुलडोजर चलाने की कार्रवाई अमल में लाने के लिए मांग की जाएगी। सम्बंधित मामले में पुलिस जांच में जुट गई है। गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब विपिन कर्णवाल की जल्द गिरफ्तारी पुलिस कर सकती है।

थाने पर प्रदर्शन के दौरान श्यामपुर ग्राम सभा के पूर्व प्रधान देवेंद्र रावत, राज्य आंदोलनकारी सोहन सिंह रौतेला, राज्य आंदोलनकारी देवी प्रसाद व्यास, व्यापार मंडल रायवाला के अध्यक्ष विवेक रावत, कांग्रेस के प्रदेश सचिव मनोज गुसाईं, भाजपा किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष मोहन सिंह असवाल, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष शीशराम कंसवाल, क्षेत्र पंचायत वीर सिंह नेगी, भट्टों वाला के पूर्व प्रधान सतीश रावत मुकेश पांडे, कुसुम जोशी, कमला नेगी, सीता पय!ल, अंशुल त्यागी, अलका छेत्री सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे थे।

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