DIG गढ़वाल का अजब-गजब फरमान, सेब के पेड़ की सुरक्षा के लिए तैनात करवाया जवान, वायरल हुआ पत्र

आदेश में कहा गया है कि डीआईजी गढ़वाल के आवास पर सेब का फलदार पेड़ है, जिसकी सुरक्षा की जाए। पेड़ व फलों को बंदरों से बचाए जाने के लिए सुरक्षा ड्यूटी में तैनात कर्मियों को कड़े निर्देश दिए जाए...

Update: 2021-06-28 05:23 GMT

डीआईजी गढ़वाल का अजब-गजब फरमान.घर के बाहर लगे सेब के पेड़ की सुरक्षा के लिए तैनात करवाया जवान.

जनज्वार ब्यूरो। उत्तराखंड के गढ़वाल से अफसरशाही का गजब मामला सामने आया है। यहां गढ़वाल के डीआईजी बंगले के बाहर एक सेब के पेड़ की रखवाली के लिए पुलिस कर्मियों की तैनाती का आदेश चर्चा में है। प्रतिसार निरीक्षक को जारी आदेश में कहा गया है कि सेब के पेड़ व फलों की बंदरों से सुरक्षा की जाए।

गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी के कंडोलिया में डीआईजी गढ़वाल का कार्यालय व आवासीय बंगला है। यहां गोल्डन डिलीसियस सेब की प्रजाति का एक पेड़ है, जिस पर बड़ी संख्या में सेब लगे हैं। परिसर में संतरे व अन्य फलदार पेड़ भी हैं, लेकिन यह सेब का पेड़ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सेब के पेड़ व फल की सुरक्षा के लिए सीओ सदर पीएल टम्टा ने प्रतिसार निरीक्षक पौड़ी को आदेश जारी किया है।

इस जारी आदेश में कहा गया है कि डीआईजी गढ़वाल के आवास पर सेब का फलदार पेड़ है, जिसकी सुरक्षा की जाए। पेड़ व फलों को बंदरों से बचाए जाने के लिए सुरक्षा ड्यूटी में तैनात कर्मियों को कड़े निर्देश दिए जाए। साथ ही आदेश के पालन में हीलाहवाली बरते जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

यूपी के एक पूर्व आईपीएस ने सुरक्षा ड्यूटी में तैनात जवान का काम पेड़ों के फल की रक्षा करना नहीं होता है। फल को अधिकारी निजी रूप में उपयोग में लाते हैं। इस कार्य में सरकारी गार्ड की ड्यूटी लिया जाना गलत है। उन्होंने इस तरह के आदेश जारी होने को लेकर कार्रवाई की मांग की है।

मामले में डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग का कहना है कि 'सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे मामले की जानकारी मिली है। एसएसपी पौड़ी को पूरे प्रकरण के जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। पत्र किसने तैयार किया, किसने जारी किया व वायरल कैसे हुआ सहित घटना के प्रत्येक पहलू की गहनतापूर्वक जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।'

वहीं सीओ सदर पीएल टम्टा ने बताया कि 'डीआईजी कार्यालय में सेब के पेड़ पर फल लगे हुए थे। बंदर इन्हें नुकसान न पहुंचाए इस लिहाज से पत्र जारी किया गया था।' इस पत्र के वायरल होने पर अफसर कुछ भी कहें लेकिन मामले ने तूल पकड़ लिया है।

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