प्रतिभाओं को निराश नहीं करेगा उत्तराखण्ड बोर्ड, रिजल्ट से असंतुष्ट विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए कर सकते हैं आवेदन
कोविड काल में बिना परीक्षा के पिछली कक्षाओं के प्रदर्शन को आधार बनाते हुए रिजल्ट तैयार करने वाले उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने रिजल्ट से असन्तुष्ट विद्यार्थियों के लिए परीक्षा दिए जाने का विकल्प खुला रखा है..
रामनगर। उत्तराखण्ड राज्य के शिक्षा बोर्ड ने इस बार के परीक्षा परिणाम घोषित करने के दौरान प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की प्रतिभा का खास ख्याल रखा है। कोविड काल में बिना किसी परीक्षा के पिछली कक्षाओं के प्रदर्शन को आधार बनाते हुए परीक्षा परिणाम तैयार करने वाले उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने अपने परीक्षा परिणाम से असन्तुष्ट विद्यार्थियों के लिए परीक्षा दिए जाने का विकल्प खुला रखा है। जिसके चलते ऐसे परीक्षार्थी जिन्हें लगता है कि परीक्षा परिणाम में उनकी मौजूदा प्रतिभा के साथ न्याय नहीं किया गया है, वह रिजल्ट घोषित होने के एक माह के अन्दर (मौजूदा स्थिति में अगस्त माह में) बोर्ड मुख्यालय को अपनी परीक्षा कराए जाने का आवेदन भेज देंगे।
इस आवेदन के मिलने पर बोर्ड की तरफ से कोरोना काल की परिस्थितियां सामान्य होते ही ऐसे परीक्षार्थियों की परीक्षा कराई जाएगी। इस परीक्षा के आधार पर ही ऐसे परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम दुबारा तैयार किया जाएगा।
शनिवार 31 जुलाई को बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट बोर्ड मुख्यालय रामनगर में शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे ने जारी किया। जारी परिणाम के अनुसार हाईस्कूल का कुल परीक्षा परिणाम 99.09 प्रतिशत रहा। जबकि इंटरमीडिएट का कुल परीक्षा परिणाम 99.56 प्रतिशत रहा।
उत्तराखण्ड की इस बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल से 1,47,725 व इंटरमीडिएट से 1,21,705 (कुल 2,69,430 परीक्षार्थी) शामिल रहे। जिसमें हाईस्कूल के कुल 1,47,725 परीक्षार्थियों में से 1,46,386 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किये गए हैं। जबकि इंटरमीडिएट के कुल 1,21,705 परीक्षार्थियों में से 1,21,171 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किये गए हैं।
घोषित इस रिजल्ट में परिणाम उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के लिए सुखद नहीं रहे। अपेक्षाकृत पढ़ाई-लिखाई में ठीक माने जाने वाला यह जिला प्रदेश के हाईस्कूल परीक्षा परिणाम में सर्वाधिक निराशाजनक प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहा। इस जनपद के कुल 98.19 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे। जबकि अपेक्षाकृत कम सुविधाओं वाले पर्वतीय रुद्रप्रयाग जिले में सफलता का प्रतिशत सर्वाधिक 99.74 रहा।
बोर्ड मुख्यालय से प्रदेश के विभिन्न जिलों के सफलता प्रतिशत की जारी तालिका के अनुसार हाईस्कूल में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले जनपदों में नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधमसिंहनगर शामिल हैं। जबकि अच्छे प्रदर्शन करने वाले जनपदों की सूची में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, टिहरी व उत्तरकाशी शामिल रहे।
तालिका के अनुसार रुद्रप्रयाग जनपद में सर्वाधिक 99.74 प्रतिशत, बागेश्वर में 99.64 प्रतिशत, टिहरी में 99.54 प्रतिशत, उत्तरकाशी में 99.36 प्रतिशत, चमोली में 99.34 प्रतिशत, हरिद्वार में 99.29 प्रतिशत, देहरादून में 99.28 प्रतिशत, पौड़ी में 99.25 प्रतिशत, चम्पावत में 99.10 प्रतिशत, उधमसिंहनगर में 98.86, अल्मोड़ा में 98.72 प्रतिशत, पिथौरागढ़ में 98.65 प्रतिशत, नैनीताल में 98.19 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे।
इस बार के बोर्ड परीक्षाओं के जारी परिणाम में पहली बार हाईस्कूल के लड़कों ने लड़कियों को पीछे छोड़ते हुए लड़कियों के बाज़ी मारने की परम्परा को तोड़ा है। लड़को का इस साल सफलता का प्रतिशत 99.30 रहा। जबकि लड़कियों के हिस्से का सफलता प्रतिशत 98.86 रहा। बोर्ड मुख्यालय से जारी पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नज़र दौड़ाएं तो हाईस्कूल में लड़कों के बाजी मारने का करिश्मा इसी साल हुआ है।
वर्ष 2017 के परीक्षा परिणाम में बालिकाओं के सफलता प्रतिशत 78.51 था। जबकि इस साल बालकों के सफलता प्रतिशत 68.76 प्रतिशत रहा। वर्ष 2018 में बालिकाओं के सफलता प्रतिशत 80.22 तो बालकों का सफलता प्रतिशत 68.96 रहा। वर्ष 2019 में बालिकाओं व बालकों के सफलता प्रतिशत क्रमशः 82.47 तथा 70.60 रहा। वर्ष 2020 में 82.65 प्रतिशत बालिकाएं सफल रही थीं तो 71.39 प्रतिशत बालकों के हिस्से में सफलता आई थी।