Mihir Bhoj Statue Controversy : दीवाली नहीं मनाएगा गुर्जर समाज, गांवों में करेगा बीजेपी नेताओं का विरोध, जानें क्या है पूरा मामला

Mihir Bhoj Statue Controversy : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सम्राट मिहिर भोज को लेकर विवाद गहरा गया है। इस विवाद के बीच बीजेपी घिरती जा रही है।

Update: 2021-11-01 07:09 GMT

(पश्चिमी उत्तरप्रदेश के दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा) File pic.

Mihir Bhoj Statue Controversy : उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttarpradesh Assembly Election 2022) से पहले सम्राट मिहिर भोज को लेकर विवाद (Mihir Bhoj Statue Controversy) गहरा गया है। इस विवाद के बीच बीजेपी घिरती जा रही है। उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida News) के दादरी स्थित कॉलेज (Dadari news) में सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति लगी है, जिसके बाद यहां उनकी जाति को लेकर बहस छिड़ गई है। इन सबके बीच गुर्जर महापंचायत का आयोजन कर गुर्जरों ने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है।

दरअसल, मूर्ति पर सम्राट मिहिर भोज के नाम से 'गुर्जर' हटाए जाने का आरोप लगा है। इसके बाद अब कॉलेज में गुर्जर समाज (Gurjar Mahapanchayat) के लोगों ने मूर्ति पर नाम के आगे फिर से 'गुर्जर' जोड़ दिया था।

यहां पर कुछ लोगों द्वारा सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति का गंगाजल (Gangajal) से शुद्धिकरण किया गया, बाद में नाम के आगे गुर्जर जोड़ दिया गया। ऐसे में अब सम्राट मिहिर भोज की जाति से जुड़ा ये विवाद बढ़ता जा रहा है।

हालांकि, सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे से गुर्जर शब्द हटाने को लेकर गुर्जर समाज में आक्रोश अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। इस मुद्दे को लेकर दादरी के मिहिर भोज इंटर कॉलेज (Mihir Bhoj Inter College) में रविवार, 31 अक्टूबर 2021 को गुर्जर समाज की महापंचायत हुई। इस दौरान गुर्जर समाज के लोगों और राष्ट्रीय गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति (Rashtriya Gurjar Swabhiman Samiti) ने बड़ा फैसला लिया कि इस बार गुर्जर दीपावली (Deepawali) नहीं मनाएंगे।  

जानकारी के अनुसार, 22 सितंबर को मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया था। अनावरण की पटिका पर गुर्जर शब्द न लिखे होने के कारण लोग आक्रोशित हो गए थे। हालांकि, बाद में राज्यसभा सुरेंद्र नागर ने सम्राट मिहिर भोज के आगे गुर्जर शब्द को जोड़ दिया था। मगर इसके बाद भी समाज में आक्रोश व्याप्त है।

इसको लेकर रविवार, 31 अक्टूबर 2021 को मिहिर भोज कॉलेज में महापंचायत का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय स्वाभिमान गुर्जर समिति के बैनर तले आयोजित महापंचायत में राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि से लोग शामिल हुए। महांपचायत की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष अंतराम तवर ने की। संयोजक रविंद्र भाटी थे। महापंचायत को अवतार सिंह भड़ाना, रणवीर चंदीला, डॉ रूप सिंह, एडवोकेट रविंद्र भाटी आदि ने संबोधित किया।

गुर्जर समाज की ओर से जानकारी दी गई है कि महापंचायत में 10 बड़े फैसले लिए गए। निर्णय लिया गया कि पूरे देश का गुर्जर समाज इस बार दीपावली नहीं मनाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री समेत भाजपा के सभी नेताओं का सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार करेंगे। विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देकर अपमान का बदला लेंगे।

यह भी निर्णय लिया गया कि समाज को जागरूक करने के लिए गुर्जर स्वाभिमान समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रत्येक जिले में सभा करेगी। राजस्थान में पांच प्रतिशत गुर्जर आरक्षण को केंद्र सरकार से 9वीं अनुसूची में डालने की मांग की गई। प्रत्येक गुर्जर गांवों में भाजपा नेताओं के आवागमन का विरोध करने का निर्णय लिया गया।

साथ ही गुर्जर रेजीमेंट का गठन करने, जेवर एयरपोर्ट का नाम गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज रखने, समाज के प्रत्येक गांव में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा लगाने और शिक्षण संस्थानों का निर्माण कराए जाने की मांग की गई।  

उधर, दनकौर कोतवाली में सांसद प्रतिनिधि ने भाजपा नेताओं के नाम के शिलापट तोड़ने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। धनोरी रोड पर सांसद, विधायक और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर लगे शिलापट को तोड़ दिया था। इस संबंध में सांसद प्रतिनिधि सोनू वर्मा ने दनकौर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव रविवार को दादरी पहुंचे। उनकी रथयात्रा दादरी होकर गुजरी। उन्होंने गुर्जर महापंचायत में जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने अनुमति न होने का हवाला देकर उन्हें रोक लिया। बाद में वह सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ जिला अध्यक्ष बब्बल भाटी भी थे। 

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