UP Assembly Election 2022 : सरकार बनी तो आशा कर्मियों को 10000 रुपये मानदेय, प्रियंका ने योगी सरकार पर बोला हमला
Priyank Gandhi ने वादा किया है कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो आशा कर्मियों का मानदेय 10 हजार रुपये कर दिया जाएगा। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधा और कहा है कि वो कर्तव्यपालन में फेल हो गए हैं।
Uttaroradesh Assembly Election 2022 : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyank Gandhi) ने वादा किया है कि उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो आशा कार्यकर्ताओं (Asha Workers Salary) का मानदेय 10 हजार रुपये कर दिया जाएगा। उन्होंने राज्य की योगी सरकार (Yogi Government) पर निशाना साधते हुए कहा कि किए गए काम का मानदेय पाना आशा कर्मियों का हक है और देना योगी सरकार का कर्तव्य। राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने कर्तव्यों को पूरा करने में फेल हो गई है।
कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार, 9 नवंबर 2021 को शाहजहांपुर (Shahjahanpur news) की उन आशा कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की, जो पुलिस की जुल्म का शिकार हुईं थीं। इस दौरान उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर आशा बहनों को 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह का मानदेय दिया जाएगा।
प्रियंका गांधी ने आज लखनऊ (Lucknow) स्थित अपने आवास पर शाहजहाँपुर में पुलिस पिटाई का शिकार हुईं आशा कार्यकर्ताओं के साथ देर तक बात की। पार्टी (Congress) की ओर से बताया गया है कि आशा बहनों ने अपने साथ हुई क्रूरता की दिल दहलाने वाली दास्तान कांग्रेस महासचिव से साझा की।
प्रियंका गाँधी ने उन्हें हर संभव क़ानूनी मदद का आश्वासन देते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी आशा बहनों के मानदेय के हक और उनके सम्मान के प्रति प्रतिबद्ध है और सरकार बनने पर आशा बहनों को 10,000 रु प्रतिमाह का मानदेय दिया जायेगा।"
ये जानकारी देते हुए यूपी कांग्रेस के मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन डॉ.पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश की प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने आज दोपहर लखनऊ पहुँचने के तुरंत बाद अपने आवास पर आशा बहनों से मुलाक़ात की।
उन्होंने कहा कि इनमें कुछ अशकर्मी पुलिसिया कार्रवाई के कारण बुरी तरह घायल थीं। कुछ के प्लास्टर भी बंधे थे। उन्होंने बताया कि आशाकर्मियों को 2018 से उनका बक़ाया नहीं मिला है।
इसी की मांग को लेकर वे दो दिन पहले शाहजहाँपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने जा रही थीं। लेकिन उन्हें पुलिस ने रास्ते में रोककर बुरी तरह पीटा।
आशा कर्मियों ने आरोप लगाया है कि पिटाई करने वालों में महिला ही नहीं पुरुष पुलिसकर्मी भी थे। उनकी जिस तरह पिटाई की गयी, वैसा तो जानवरों को भी नहीं पीटा जाता।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने बताया कि कुछ बहनों ने रोते हुए कहा कि उन्होंने कोरोना काल में घर-घर जाकर दवाइयाँ और रिपोर्ट बाँटीं, लेकिन बदले में योगी सरकार ने पुलिस पिटाई का ईनाम दिया।
यही नहीं, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न करके आशा बहनों के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गयी है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने आशा कर्मियों के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके हक़ की लड़ाई में हर कद़म पर साथ देगी।
साथ ही क़ानूनी लड़ाई में भी पार्टी पूरी मदद करेगी। प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना काल में आशा बहनों ने अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ित जनों की मदद की। इसके लिए उन्हें सरकार के स्तर पर अतिरिक्त सराहना मिलनी चाहिए थी, लेकिन संवेदनहीन सरकार उनकी पिटाई कर रही है। आशा बहनों पर किया गया एक-एक वार उनके समर्पण और निष्ठा का अपमान है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि मानदेय पाना आशा बहनों का हक है और उनकी बात सुनना सरकार का कर्तव्य। आशा कर्मियों के साथ हुआ बर्बर व्यवहार यूपी की महिलाओं का अपमान है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नारा दिया है कि "लड़की हूं, लड़ सकती हूं।" आशा बहने अपने साथ हुई क्रूरता का जवाब अपनी लड़ाई से देंगी। यूपी में कांग्रेस की सरकार बनने पर आशा बहनों और आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दस हज़ार रुपये का मानदेय दिया जायेगा।