Varanasi Serial Blast Case : आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा, गाजियाबाद कोर्ट का बड़ा फैसला

Varanasi Serial Blast Case : वाराणसी में 16 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट केस में गाजियाबाद कोर्ट ने आरोपी वलीउल्लाह के लिए सजा का ऐलान कर दिया है, गाजियाबाद कोर्ट ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है...

Update: 2022-06-06 11:31 GMT

Varanasi Serial Blast Case : आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा, गाजियाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

Varanasi Serial Blast Case : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi Serial Blast Case) में 16 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट केस (Varanasi Serial Blast Case) में गाजियाबाद कोर्ट (Ghaziabad High Court) ने आरोपी वलीउल्लाह के लिए सजा का ऐलान कर दिया है। बता दें कि गाजियाबाद कोर्ट ने आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। 

वाराणसी ब्लास्ट में 18 लोगों की हुई थी मौत

2006 में वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके (Varanasi Serial Blast Case) हुए थे। कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध मार्ग पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना था। वाराणसी बम कांड (Varanasi Serial Blast Case) में दोषी वली उल्लाह को न्यायाधीश जितेंद्र सिन्हा ने हत्या, आतंक फैलाना, विस्फोटक सामग्री का प्रयोग करना और हत्या के प्रयास के मामले में सजा-ए-मौत सुनाई है। बता दें कि 16 साल पहले संकटमोचन और कैंट स्टेशन में यह सीरियल ब्लास्ट (Varanasi Serial Blast Case) हुआ था। दरअसल, सात मार्च 2006 को संकट मोचन मंदिर और छावनी रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोटों (Varanasi Serial Blast Case) में कम से कम 18 लोगों की मौत हुई थी और 56 से अधिक लोग घायल हो गए थे। 

अदालत में लगाई सजा कम करने की गुहार

बता दें कि सजा के प्रश्न पर सुनवाई के दौरान आतंकी वलीउल्लाह ने अदालत से कहा कि घर मे 80 वर्ष की बूढ़ी मां, पत्नी, बेटा और बेटी की आर्थिक हालत खराब है। घर मे कोई कमाने वाला नहीं है। मदरसे में बच्चों को तालीम देकर गुजर-बसर करता था। जेल में उसका आचरण सही था, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जाए। अदालत ने कैंट रेलवे स्टेशन पर हुए बम विस्फोट (Varanasi Serial Blast Case) मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था।

केस लड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ कोई वकील

वाराणसी में हुए सिलसिलेवार धमाके ((Varanasi Serial Blast Case)) के बाद आतंकी वलीउल्लाह की तरफ से कोई भी वकील केस लड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद इस मामले को इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश पर गाजियाबाद कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था। पुलिस की जांच में पता चला था कि इस तीनों धमाकों में पांच आतंकियों का हाथ है। इनमें से एक आतंकी मौलाना जुबेर को सुरक्षाबल ने सीमा पर मार गिराया था। 


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