उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को हुआ कोरोना, क्या भाजपाई उनको भी देंगे गोबर-गोमूत्र से इलाज का नुस्खा?

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जिस जिस पार्टी भाजपा की पृष्ठभूमि से होते हुए शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचे हैं, उस पार्टी के लोग कोरोना से उपचार के लिए अजीब-अजीब दावे बीते महीनों में करते रहे हैं, तो क्या वे अब वही सलाह उन्हें देंगे...

Update: 2020-09-30 02:41 GMT

जनज्वार। उपराष्ट्रति वेंकैया नायडू कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। इस बात की जानकारी मंगलवार, 29 सितंबर की रात उपराष्ट्रपति सचिवालय के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से दी गई। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार की सुबह अपनी कोरोना जांच करायी थी जिसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी। इसके बाद उन्होंने डाॅक्टरों की सलाह के अनुसार, खुद को घर पर क्वारंटीन कर लिया।

वहीं, उनकी पत्नी उषा नायडू की भी कोरोना जांच करायी गई और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आयी है। हालांकि एहतियातन उन्होंने स्वयं को घर में आइसोलेट कर लिया है, ताकि खतरे की आशंका न हो।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू एवं उनकी पत्नी उषा नायडू ने कोरोना संक्रमण को लेकर डाॅक्टरों की सलाह के अनुसार, वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया है। उपराष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट में इस बात को उल्लेख किया गया है कि डाॅक्टरों की सलाह पर वेंकैया नायडू ने ऐसा किया।

पर, हैरत की बात यह है कि उपराष्ट्रपति जिस भाजपा की पृष्ठभूमि से आते हैं और देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर आसीन हुए हैं, उसके कई नेता गोबर गोमूत्र, कीचड़ व पापड़ तक से कोरोना का इलाज करने का दावा कर चुके हैं।

ऐसे दावों व तर्काें से जिन लोगों ने समाज में अवैज्ञानिक सोच को बढाया उनमें से कई बाद में खुद कोरोना से संक्रमित हो गए और मान्य मेडिकल पद्धति से ही अपना उपचार कराया।

केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता अर्जुन राम मेघवाल ने कुछ पखवाड़े पूर्व भाभी जी पापड़ लांच किया था और दावा किया था कि इसको खाने से कोरोना से लड़ने की क्षमता शरीर में आएगी। हालांकि इसके कुछ ही दिनों बाद मेघवाल कोरोना से पीड़ित हो गए और आठ अगस्त को उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था।

इसी तरह राजस्थान से आने वाले एक सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने कीचड़ में बैठकर शंख बजाया था और कहा था कि ऐसा करने से कोरोना बीमारी से बचा जा सकता है क्योंकि इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है। उन्होंने लोगों से भी अपील की थी कि वे भी कोरोना से बचने के लिए यह तरीका अपनाएं। हालांकि इसके कुछ ही दिनों बात वे भी कोरोना संक्रमित हो गए थे। सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने 14 अगस्त को ऐसा दावा किया था और ठीक एक महीने बाद 14 सितंबर को उनकी कोरोना जांच पाॅजिटिव आयी। उनका दावा उन्हीं पर काम नहीं कर पाया।

हिंदू महासभा के के प्रमुख स्वामी चक्रपाणि ने कोरोना के आरंभिक दौर में मार्च महीने में ही गौ मूत्र पीने के सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया था और दावा किया था इससे कोरोना नहीं होगा। चक्रपाणि ने यह भी कहा था कि कोरोना उनलोगों के लिए दंड है जो मांसाहार करते हैं। उन्होंने कहा था कि जो पशु की हत्या कर उसे खाते हैं उनके कारण कोरोना वायरस आया है। उन्होंने कहा था कि गौमूत्र कोरोना को ठीक करने की एकमात्र दवा है और वैश्विक नेताओं से अपील की थी कि इसे जादुई पेय के रूप में प्रयोग करें।

Tags:    

Similar News