Vijay Mallya on SC verdict : अवमानना के मामले में सजा सुनाये जाने पर विजय माल्या बोले - 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हूं'
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने अवमानना से जुड़े मामले में विजय माल्या को 4 महीने की सजा सुनाई है। उस पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
Vijay Mallya on SC verdict : सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने अवमानना (contempt of court ) से जुड़े एक मामले में कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya ) को सुनाई है। पिछले पांच साल से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक विजय माल्या ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर निराशा जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी को अदालत की अवमानना के मामले में चार माह की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कारावास की सजा काटने के लिए भगोड़े कारोबारी की उपस्थिति सुनिश्चित करे।
दरअसल, हजारों करोड़ रुपए फ्रॉड के आरोपी व कारोबारी विजय माल्या ( Vijay Mallya) 2016 से ब्रिटेन में है। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने अवमानना से जुड़े मामले में विजय माल्या को 4 महीने की सजा सुनाई है। उस पर 2000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से विजय माल्या को भारत लाना आसान होगा।
शीर्ष अदालत ( Supreme court ) के इस फैसले पर विजय माल्या ( Vijay Mallya) का पहला रिएक्शन भी आ गया है। उन्होंने सिर्फ इतना कहा है कि वे दुखी हैं, वे इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं।
बता दें कि सुप्रीम ने 10 मार्च को माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने 5 साल पहले 9 मई 2017 को विजय माल्या ( Vijay Mallya) को कोर्ट के आदेश की अवमानना का दोषी मानते हुए उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। विजय माल्या ने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा उन बैंकों और संबंधित प्राधिकरणों को नहीं दिया था, जिनसे उसने करोड़ों अरबों का कर्ज लिया था। उसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को चार महीने की सजा सुनाई जिसे उद्योगपति दुर्भूग्यपूर्ण बता रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ज्यादा कुछ नहीं कह पाएंगे। अभी के लिए विजय माल्या ब्रिटेन में मौजूद हैं।
Vijay Mallya on SC verdict : विजय माल्या ( Vijay Mallya) साल 2016 में इंडिया से फरार होने के बाद से ब्रिटेन में शरण लिए हुए हैं। भारत की तरफ से लगातार प्रयास जारी है कि उन्हें वापस देश लाया जाए और उन्हें उनके गुनाहों की सजा मिले लेकिन कुछ कानूनी अड़चनों की वजह से उस प्रत्यर्पण में लगातार देरी हो रही है।