Water Crisis Maharashtra : मेलघाट में पेयजल के लिए जान को जोखिम में डालने का नजारा आपको सोचने के लिए कर देगा मजबूर

Water Crisis Maharashtra : मेलघाट के खड़ियाला गांव में सिर्फ दो कुएं हैं, जो लगभग सूख चुके हैं। 1500 की आबादी वाला गांव हर दिन पानी के लिए 2 से 3 टैंकरों पर निर्भर है। टैंकर नहीं आने पर भगवान भरोसे जीते हैं गांव के लोग।

Update: 2022-06-10 07:30 GMT

Water Crisis Maharashtra : मेलघाट में पेयजल के लिए जान को जोखिम में डालने का ये नजारा आपको सोचने के लिए कर देगा मजबूर

Water Crisis Maharashtra : उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी के बीच देश के कई हिस्सों में पेयजल संकट ( Portable Water Crisis ) लोगों की जान को सुरसा की तरह निगलने के लिए तैयार है। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां के लोगों को झुलसा देने वाली गर्मी के बीच शुद्ध पेयजल ( Pure portable water ) भी नसीब नहीं हैं। यह सुनकर दुख तब होता है जब महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra Crisis ) पेयजल संकट ( Water Crisis ) समाधान के लिए कुछ करती नजर नहीं आती।

महाराष्ट्र ( maharashtra ) का एक ऐसा ही इलाका अमरावती ( Amrawati ) का मेलघाट ( Melghat ) और उसके आसपास के गांव हैं। खासकर खड़ियाल गांव। यहां पर शुद्ध पेयजल ( Portable water ) तो छोड़िए गंदे पानी के लिए दो-दो किलोमीटर का सफर तय करने के बाद लोगों को जान जोखिम में डालना पड़ता है। यह किसी खास दिन का मामला नहीं, बल्कि मेलघाट ( Melghat ) के लोग हर रोज अपनी जान को जोखिम में डालकर ही दो बूंद पानी का इंतजाम कर पाते हैं। इसके बावजूद बेसुध शासन-प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं है।

Video में पेयजल का नाजरा देख नहीं कर पाएंगे खुद पर भरोसा

दरअसल, महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेलघाट इलाके में पेयजल संकट ( Water Crisis ) कितना गहरा है, इसका अंदाजा आप इन तस्वीरों को देखकर लगा सकते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो भी जारी किया है। एजेंसी के वीडियो को देखकर आप दंग रह जाएंगे। आप खुद पर भरोसा नहीं कर पाएंगे कि वीडियो में बड़ी संख्या में महिलाएं और अन्य लोग पानी भरने के लिए एक कुएं के पास जुटे हैं। सभी रस्सी के सहारे कुएं से पानी निकाल रहे हैं।

न पक्की सड़क, न बिजली और न पानी

खड़ियाल गांव के लोगों का कहना है कि भीषण जल संकट से उनको परेशानी हो रही है। लोगों को शुद्ध पेयजल भी नसीब नहीं है। हमारी समस्या का कोई हल नहीं हो रहा है। यहां न पक्की सड़क है, न बिजली है और न ही पानी है। पानी का टैंकर भी समय पर नहीं आता है। कुएं का पानी भी गंदा है। पानी लेने के लिए हमें काफी दूर जाना पड़ता है। लोगों को पेयजल के लिए दो—दो कलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। रामाधिका नाम की एक स्थानीय महिला ने बताया कि स्थानीय प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा हैै।

1500 की आबादी सिर्फ 2 टैंकर पानी या राम भरोसे

Water Crisis Maharashtra : मेलघाट ( Melghat ) के खडियाल गांव के लोग एक बाल्टी पानी के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं। गांव में सिर्फ दो कुएं हैं, जो लगभग सूख चुके हैं। 1500 की आबादी वाला गांव हर दिन पानी के लिए 2-3 टैंकरों पर ही निर्भर है। टैंकर नहीं आने पर भगवान भरोसे जीते हैं गांव के लोग। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि सूखे कुओं में पानी डालने वाले दो टैंकरों के माध्यम से गांव में पानी की आपूर्ति की जाती ह़ै। कुओं से पानी निकालने के लिए लोग अपनी जान जोखिम में डालते हैं। गंदा पानी पीने से बीमारियां बढ़ रही हैं। यदिन कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है, तो उसे अस्पताल ले जाने के लिए कोई रास्ता भी नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और राजनेता उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं।


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