MP में अधिकारियों की लापरवाही से पदमी बस्तियों में जलभराव, बाढ़ प्रभावितों को राहत एवं क्षतिपूर्ति की मांग

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी ध्यान रखते हुए बरगी जलाशय के जल को पहले से नियंत्रित कर खाली करते तो ये हालात नहीं बनते और बांध के नीचे वाली बस्तियाँ भी सुरक्षित रहतीं...

Update: 2024-09-22 11:48 GMT

Jabalpur news : जबलपुर और आसपास के जिलों में लगातार बारिश के कारण नर्मदा नदी पर बने बरगी बांध का जल स्तर समुद्र तल के 422.76 मीटर क्षमता से अधिक भर जाने के कारण ग्राम पदमी (मलारा) नारायणगंज के बस्तियों में पानी भर गया है। ऐसी ही घटना की सूचना सिवनी जिले के बरगी बांध से विस्थापित गांव बीजासेन की है।

बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ से जुड़े राज कुमार सिन्हा कहते हैं, पहले बरगी बांध जलाशय का 4 गेट खोला गया था, फिर जलाशय में आने वाली पानी की मात्रा को देखते हुए रात्रि को 7 गेट खोला गया। आज सुबह 8 बजे तक कुल 17 गेट खोला गया है। अधिकारियों ने बरगी जलाशय में आने वाले पानी के आवक का अनुमान और गणना सही तरीके से नहीं किया।यह बांध नियम और विवेकपूर्ण बांध प्रबंधन का उल्लघंन है।

भारतीय मौसम विभाग ने विगत 1 सितम्बर को फ्लैश फल्ड बुलेटिन में चेताया था कि मध्यप्रदेश के नर्मदा घाटी के कई जिले बाढ़ की चपेट में आने वाला है। बताया गया था कि बरगी जलाशय 96 प्रतिशत भरा हुआ है।नर्मदा बेसिन में मिट्टी पहले से ही लगभग पूरी तरह संतृप्त है। इसके अलावा आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश के जलग्रहण क्षेत्र में अतिरिक्त बारिश की संभावना है। जैसा कि भारतीय मौसम विभाग ने पुर्वानुमान लगाया था कि कम दबाव वाला क्षेत्र विकसित हो रहा है।

अगर इस चेतावनी को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी ध्यान रखते हुए बरगी जलाशय के जल को पहले से नियंत्रित कर खाली करते तो ये हालात नहीं बनते और बांध के नीचे वाली बस्तियाँ भी सुरक्षित रहतीं। रात को जलाशय में आए तेज बहाव के कारण मछुआरों द्वारा डाला गया जाल भी भारी मात्रा में बह गया। बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ सरकार से मांग करता है कि जिले के विस्थापित गांव में हुए नुकसान का जायजा लेकर राहत और क्षतिपूर्ति दिया जाए।

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